गाजियाबाद। बाइक बोट मल्टी लेवल मार्केटिंग स्कीम के तहत घोटाला करने वाले आरोपियों को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। 22 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआई कोर्ट मेन न्यायाधीश आलोक कुमार यादव की अदालत में अभियुक्तों को पेश कर रिमांड मांगी थी। ईडी ने रिमांड पूरी कर सभी अभियुक्तों को बुधवार को अदालत में पेश किया गया था। मामले में अग्रिम कार्रवाई के लिए तीन अगस्त की तारीख नियत की गई है।
ईडी के विशेष लोक अभियोजक ने कोर्ट को बताया कि जांच के दौरान जानकारी मिली कि दिनेश गुर्जर, संजय भाटी व अन्य के साथ इस घोटाले में लिप्त था। बाईक बोट के नाम पर अर्जित धनराशि मैसर्स गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के द्वारा धीरेंद्र कुमार सोलंकी के खाते में भेजी गई थी। इसके बाद धीरेंद्र कुमार सोलंकी ने बाइक बोट घोटाले से अर्जित धनराशि दिनेश गुर्जर के खाते में ट्रांसफर की थी। दिनेश गुर्जर के घर से इस बाबत कई दस्तावेज बरामद हुए। मामले में दिनेश गुर्जर के अलावा संजय भाटी, राजेश भारद्वाज, कर्णपाल सिंह, सचिन भाटी व विनोद कुमार भी आरोपित हैं।
यह था मामला
नोएडा निवासी संजय भाटी ने मैसर्स गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के नाम से कंपनी बनाई और ओला व उबर के ही तर्ज पर बाइक टैक्सी चलवाने का झांसा देकर लगभग ढाई लाख निवेशकों को ठगा। बाइक बोट नाम से मल्टीलेवल मार्केटिंग स्कीम के तहत एक साल में निवेशकों को दो गुना मुनाफा कमाने का झांसा दिया था। उत्तर प्रदेश समेत कई राज्य के लोगों ने वर्ष 2016 से वर्ष 2018 के मध्य कंपनी में निवेश किया था। दिसंबर 2018 में कंपनी ने लोगों को मासिक भुगतान बंद कर दिया। लोगों ने शिकायत की तो उन लोगों को-आपरेटिव बैंक के चेक दे दिए, जो बैंक में लगाने पर बाउंस हो गए। मामले में शिकायत पर दादरी थाने में एफआईआर दर्ज हुई। मामला बाद में ईडी को ट्रांसफर हुआ।