नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और आसपास के इलाकों में बीती रात से रुक-रुककर हो रही बारिश के साथ ही शुक्रवार को दिन में हुई लगातार बारिश से हालात बाढ़ जैसे हो गए हैं। दिल्ली में राजघाट, रिंग रोड समेत कई इलाकों में पानी भर गया। कुछ जगह तो एक से दो फुट तक पानी भर गया। राजघाट के हालात तो पिछले दिनों जैसे हो गए। मौसम विज्ञान विभाग ने अभी और दो से तीन दिन भारी बारिश की चेतावनी दी है। बीती रात भी अच्छी-खासी बारिश हुई है।
दिल्ली के सिविल लाइंस, लक्ष्मीनगर, लाजपतनगर और अन्य कई क्षेत्रों में मध्य से तेज बारिश के चलते लोगों को सड़कों पर जाम की समस्या से जूझना पड़ा। गाजियाबाद-नोएडा के यमुना और हिंडन नदी किनारे वाले इलाकों में बाढ़ का पानी कम होने से लोगों ने कुछ राहत की सांस ली थी, लेकिन बारिश से उनकी मुश्किलें फिर बढ़ गईं।
यही हाल, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से लेकर उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र और तेलंगाना तक रहा। गुजरात और महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में 200 से 300 मिमी बारिश दर्ज की गई है। तेलंगाना के मुलुगु जिले के एक गांव में 12 लोग बाढ़ के पानी में बह गए थे, जिनमें से चार लोगों ने खुद को बचा लिया। बाद में आठ लोगों के शव मिले। हिमाचल और उत्तराखंड में पांच से छह नेशनल हाईवे और सैकड़ों सड़कें अभी भी बंद हैं। भारी बारिश और जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
पंजाब के 17 जिलों के लिए अलर्ट
मौसम विभाग ने पंजाब के मालवा क्षेत्र के 10 समेत कुल 17 जिलों में शनिवार को भारी बारिश को लेकर ऑरेंज व यलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, हरियाणा के बाढ़ वाले जिलों के शहरी क्षेत्रों में पानी लगातार घट रहा है। लेकिन, फतेहाबाद के आसपास की ढाणियां अभी भी बाढ़ प्रभावित हैं।
जम्मू–कश्मीर में नदियां उफान पर
जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश से तवी, चिनाब, उज्ज नदियां और नाले उफान पर हैं। उत्तराखंड में भूस्खलन के चलते गंगोत्री-यमुनोत्री नेशनल हाईवे बंद हो गया है। हिमाचल में भी नेशनल हाईवे पांच समेत चार नेशनल हाईवे और 466 अन्य सड़कें मलबा गिरने से बंद पड़ी हैं।
महाराष्ट्र में अब तक 101 की मौतें
महाराष्ट्र राज्य आपदा की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, 1 जून से 28 जुलाई तक बारिश से संबंधित घटनाओं में 101 लोगों की मौत हुई है और 126 लोग घायल हुए हैं जबकि 13 लापता हैं। शुक्रवार को भी मुंबई और रायगढ़ समेत कई जिलों में भारी बारिश हुई। मुंबई में मोडक समेत लगभग सभी झीलें लबालब हो गई हैं। मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर मलबा गिरने से एक तरफ से पांच घंटे यातायात बंद रहा।