लखनऊ
लोकसभा चुनाव -2024 को लेकर हुई एनडीए की बैठक के बाद सहयोगी दलों में सीटों को लेकर मंथन शुरू हो गया है। सुभासपा और निषाद पार्टी के साथ ही अपना दल (एस) भी सीटों के चयन में जुट गया है। किसके कोटे में कितनी सीटें आएंगी यह तो तय नहीं है, पर सहयोगी दलों ने अपने लिए उपयुक्त सीटों की तलाश शुरू कर दी है। वहीं, अपना दल (एस) पिछली बार की तुलना में इस बार अधिक सीटें चाहता है। इतना ही नहीं 2019 में मिली सोनभद्र सीट भी बदलना चाहता है।
सूत्रों का कहना है कि 18 जुलाई को दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ हुई बैठक में पार्टी अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने अपनी दावेदारी कर दी है, लेकिन अभी तक फैसला नहीं हुआ है। अनुप्रिया ने भाजपा नेताओं से यह भी अनुरोध किया कि इस बार सीटें तय करते हुए उनके दल के विधायकों की संख्या बल का भी ध्यान रखा जाए। यानि दूसरे सहयोगी दलों से उन्हें अधिक सीट मिलनी चाहिए । उनके प्रस्ताव पर भाजपा ने हामी भी भरी है।
2019 में सोनभद्र सीट से अपना दल के कोटे से पकौड़ी लाल कोल सांसद हैं। अगर ऐसा हुआ तो कोल मैदान से बाहर हो जाएंगे। पार्टी नेतृत्व सोनभद्र के बदले बुंदेलखंड की कोई कुर्मी बहुल सीट लेना चाहता है। वैसे पार्टी की पहली पसंद जालौन है। इसके अलावा प्रतापगढ़ पर भी दावेदारी है। यह सीट 2014 में अपना दल के पास थी, लेकिन 2019 में इसे वापस लेकर भाजपा ने अपना दल के ही विधायक संगमलाल गुप्ता को लड़ाया था।
पांच सीटों पर दावेदारी
सूत्रों के मुताबिक मिर्जापुर से खुद अनुप्रिया सांसद हैं। इसके अलावा प्रतापगढ़, अंबेडकरनगर, फतेहपुर और जालौन सीट पर दावेदारी की है। पार्टी का मानना है कि जब 6 व 8 विधायकों वाले दूसरे दलों को दो से तीन सीटें देने की बात हो रही है तो 13 विधायकों वाले अपना दल को तो कम से कम पांच सीटें मिलनी चाहिए।