सोनभद्र।
कलेक्ट्रेट परिसर में शुक्रवार को विकासखंड नगवा के ग्राम पंचायत गड़वान के ग्रामीणों ने अपनी 8 सूत्री मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी प्रतिनिधि को पत्र सौंपकर बुलंद की आवाज।
ग्रामीणों ने बताया कि, प्राथमिक विद्यालय गड़वान विकास खंड नगवां जनपद सोनभद्र में कार्यरत सहायक अध्यापक सीमित कुमार का वेतन बहाल करने और घुसखोर खंड शिक्षा अधिकारी विकास खंड नगवां और अपनी मनमानी करने वाले जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सोनभद्र पर कठोरतम कार्रवाई कराते हुए मामले की जांच हो।
ग्रामीणों ने कहा कि, हमारे ग्राम गड़वान ग्राम पंचायत बैजनाथ विकास खंड नगवां जनपद सोनभद्र ( सोनभद्र जिले का सबसे दुरूह, दुर्गम, पहाड़ी, पिछड़ा व नक्सल प्रभावित क्षेत्र है) में स्थित प्राथमिक विद्यालय गड़वान विकास खंड नगवां सोनभद्र में एक ही सहायक अध्यापक कार्यरत है। सोमित कुमार एक नियमित, ईमानदार और मेहनती शिक्षक है। विद्यालय अवधि समाप्त होने के पश्चात ये शाम को बच्चो को निःशुल्क एक्स्ट्रा क्लास भी पढ़ाते है । जब से इनकी नियुक्ति हमारे गांव में हुई है तब से हमारे बच्चो की शिक्षा का स्तर बहुत ही अच्छा हो गया है । हम लोगों के बच्चे अब स्वयं अपने आप नियमित स्कूल जाते है और रात को भी अपने आप पढ़ाई करते है। इनके पढ़ाने से ही आज हमारे गांव के कई बच्चे नवोदय विद्यालय जैसे स्कूलों की कठिन प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर इन विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे है और अपने सुनहरे भविष्य के निर्माण की ओर अग्रसर हो रहे है। हमारे गांव के बच्चो का जिला स्तरीय मेधावी परीक्षा में भी चयन हुआ, यही इनकी सफलता नही रुटी बल्कि वाराणसी जैसे बड़े शहर में भारत के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान काशी हिंदू विश्वविद्यालय ( सेंट्रल हिंदू स्कूल) में भी हमारे गांव के बच्चों का प्रवेश इन्ही के अथक प्रयास से संभव हुआ है । हम लोगो के लिए तो थे एक वरदान ही है लेकिन अब ये अध्यापक भ्रष्ट शिक्षा विभाग से तंग आकर नौकरी से इस्तीफा देने जा रहे है क्योंकि भ्रष्ट शिक्षा अधिकारियों द्वारा जब से इनकी नियुक्ति है तब से बार बार इनसे घुस मांगा जाता है, बार बार इन पर कोई न कोई कार्रवाई की जाती है कभी सस्पेंड कर दिया जाता है तो कभी वेतन काट दिया जाता है तो कभी बार बार इनका पूरा वेतन ही रोक दिया जाता है वो भी बिना पूर्व नोटिस दिए बिना कोई स्पष्टीकरण मांगे और वो भी हाई कोर्ट और सचिव के आदेश के विरुद्ध । माननीय हाई कोर्ट और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद का स्पष्ट आदेश है कि, कोई भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी किसी भी शिक्षक का वेतन नहीं रोक सकते यदि कोई कार्रवाई करनी है तो उससे पूर्व उस शिक्षक को सुनवाई का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए ( प्रतिलिपि संलग्न ) क्या ये जिला बेसिक शिक्षा
अधिकारी,हाई कोर्ट और संविधान से बढ़कर है कि उनके आदेशों की अवहेलना करके अपनी मनमानी कर रहे हैं। ये न्यायोचित नहीं है। विकास खंड नगवां जनपद सोनभद्र में कई सारे ऐसे अध्यापक है जो 5-5 साल से विद्यालय नहीं आ रहे है उनके उपर तो कोई कार्रवाई नहीं की जाती और हमारे गांव के अध्यापक सोमित कुमार अपना घर द्वार छोड़कर यही गड़वान गांव में नियमित रहकर ईमानदारी से अपना काम कर रहे है बच्चो को पढ़ा लिखा कर आगे बढ़ा रहे तो उन पर बार बार कार्रवाई की जा रही है ये हम समस्त ग्रामवारी बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। वर्तमान में सहायक अध्यापक सोमित कुमार का वेतन मई 2023 से ही पूरी तरह से रोक दिया गया है । बिना वेतन के बंधुआ मजदूर की तरह कार्य कराया जा रहा है जो कि संविधान में लिखे मूल अधिकार का उल्लंघन करता है।
अभी लगभग 7-8 माह पहले पूर्व खण्ड शिक्षा अधिकारी विकास खंड नगवां की प्रेम शंकर राम (वर्तमान खंड शिक्षा अधिकारी विकास खंड बभनी) ने निर्माण कार्य ही धनराशि में से 40000 रुपए घुस कमीशन के रूप में वसूल किया और वेतन और एरियर लगाने के लिए 10000 रुपए की धनराशि वसूल किया। अभी इसी महीने जुलाई 2023 में खण्ड शिक्षा अधिकारी नगवां बृजेश कुमार सिंह द्वारा इनसे 3000 रुपए की धनराशि घुस के रूप में वसूल की गई । प्रतिवर्ष विद्यालय के विकास के लिए जो कंपोजिट ग्रांट की धनराशि आती है उसमे से 10% कमीशन खंड शिक्षा अधिकारी नगवां द्वारा घूस लिया जाता है । घुस न देने पर कोई न कोई बहाना दिखाकर कार्रवाई कर दी जाती है।
हम गरीबों के बच्चों के लिए यही शिक्षक सोमित कुमार ही एक उम्मीद ही किरण है और यदि ये अध्यापक ही इस्तीफा देकर यहां से चले जायेंगे तो हमारे बच्चो का पठन पाठन पूरी तरह से बाधित हो जायेगा, हमारे बच्चों का भविष्य पूरी तरह से बर्बाद हो जायेगा और यदि ऐसा हुआ तो हम समस्त ग्रामवासी बच्चे जवान व महिला सहित भूख हड़ताल व जन आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
इस दौरान तपेश्वर कुमार ,सविता, आशा कुमारी ,रजवंती ,मुनिया, सरस्वती ,मीना देवी ,सरिता देवी, कुसुम कुमारी , कलावती सहित आदि लोग मौजूद रहे