कालपी। आई फ्लू एक समस्या बन गया है बच्चों से शुरू हुए इस वायरस ने अब हर आयु के लोग इसकी चपेट में आते जा रहे हैं। आलम यह है कि सीएचसी में इस रोग से संक्रमित 150 से अधिक मरीज प्रतिदिन आ रहे हैं जबकि यह वास्तविक आंकड़ा नहीं है क्योंकि ज्यादातर संक्रमित निजी चिकित्सकों के पास जा रहे हैं।
क्षेत्र में आई फ्लू के संक्रमण की शुरुआत लगभग एक सप्ताह पूर्व हुई थी और विद्यालयों में इक्का दुक्का बच्चों की आँखे लाल हुई थी। जिसे लोगों ने गम्भीरता से नही लिया था पर अब यह सँक्रमण समस्या बन गया है। डाक्टरो की माने तो यह संक्रमण अत्यधिक गर्मी से आँखो मे पसीना जाने से होता है और बदलते मौसम मे आई फ्लू संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। बारिश के मौसम में आई फ्लू की बीमारी फैलाना आम बात है हर वर्ष मरीज आते हैं पर इस वर्ष आई फ्लू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आंखों की इस बीमारी को पिंक आई भी कहा जाता है। डॉक्टर विशाल सचान बताते हैं कि यह संक्रामक बीमारी है, जो संक्रमित व्यक्ति या उसके आंसुओं के संपर्क में आता है वह इसके चपेट में आ जाता है। इसके अलावा यह आई कॉन्टैक्ट बनाने और संक्रमित व्यक्ति को खांसी के दौरान छींकने से भी फैल सकता है। उन्होंने लोगों से संक्रमण होने पर तुरंत उपचार लेने की सलाह दी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन आने वाले पर एक सैकड़ा से अधिक मरीज अपना उपचार कराने पहुच रहे है। गुरूवार को इस स़क्रमण से ग्रसित मरीजों की संख्या 150 थी जो शुक्रवार को बढ़ भी सकती है। आलम यह है कि आई फ्लू वायरस तेजी से बढ़ रहा है जिसमें बीते एक सप्ताह में सीएचसी पर 500 से 600 मरीज अपना उपचार कराने पहुचे है आई टैक्नीशियन हरी सिंह ने बताया कि रोजाना मरीजों की संख्या बढ़ रही है और वह लोगो को चश्मा लगाकर मरीजों को देख रहे है मरीज भी चश्मा लगाकर आ रहे है जो मरीज आ रहे है उनको आई ड्रॉप देकर तथा एंटीबायोटिक दवाएं दी जा रही है इसके बढ़ने के मुख्य कारण है कि आखों में आँखे डालकर देखना, एक दूसरे की तौलिया का प्रयोग करना आंसू आना ये आई फ्लू के लक्षण होते हैं। वही मेडिकल स्टोर संचालक विशाल पोरवाल के अनुसार बरसात के मौसम में गर्मी ज्यादा होने पर यह रोग फैलता है हालाकि परेशान होने की जरूरत नही है उन्होने रोग पीडितो को सँक्रमण से ग्रसित लोगो के सीधे सम्पर्क में न आने की नसीहत दी है।