उरई। जिलाधिकारी चाँदनी सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में सांख्यिकी आंकड़ों के संग्रहण हेतु संगोष्ठी एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि प्रदेश की अर्थ व्यवस्था को वन ट्रिलियन डालर बनाया जाना शासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है जिसके अन्तर्गत भारत सरकार के कार्यक्रम एवं कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा विभिन्न समाजार्थिक सर्वेक्षणों को नियमित रूप से सम्पूर्ण भारत वर्ष में सम्पादित कराया जा रहा हैं, जिसमें प्रदेश के अन्तर्गत जनपद स्तर पर विभिन्न चयनित इकाईयों का सर्वेक्षण भारत सरकार/प्रदेश सरकार द्वारा कराया जाता है। उक्त सर्वेक्षणों के दौरान सर्वेक्षण की जानकारी के अभाव में प्रतिदर्श इकाईयों से आँकड़ों के संग्रहण में अपेक्षित सहयोग नही मिल पाता है, जिससे संग्रहित आँकड़ों का प्रदेश की अर्थव्यवस्था में योगदान वास्तविक रूप से परिलक्षित नही हो पा रहा है। प्रदेश में हो रहे निवेश, विनिर्माण के क्षेत्र में उत्पादन, निर्माण, सेवा क्षेत्र, व्यापार आदि क्षेत्रों में सम्बन्धित विभागों द्वारा किये जा रहे योगदान का ससमय एवं सही ऑकलन इन सर्वेक्षणो के माध्यम से किया जाता है।
उन्होने कहा कि प्रदेश को ”वन ट्रिलियन डॉलर” की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए विभिन्न सेक्टर का आंकलन करने हेतु प्रदेश में विभिन्न प्रकार के सर्वेक्षण संचालित किये जा रहे हैं। इन सर्वेक्षणों से प्रदेश में संचालित विकासोन्मुख योजनाओं में हो रहे निवेश के दृष्टिगत विनिर्माण, व्यापार एवं अन्य सेवा क्षेत्र में परिलक्षित हो रहे विकास की वास्तविक स्थिति के अनुरूप आंकड़े संग्रहित हो रहे हैं, जो उत्तर प्रदेश को ”वन ट्रिलियन डॉलर” अर्थव्यवस्था बनाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान की दिशा में भी बहुत महत्वपूर्ण हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, भारत सरकार और अर्थ एवं संख्या प्रभाग, उ0प्र0 द्वारा कराये जा रहे इन सर्वेक्षणों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यशाला आयोजित की जा रही है। इन कार्यशालाओं में हितधारक अर्थात-परिवार, कारखाने, दुकानें, छोटे व्यवसाय, स्वास्थ्य देखभाल इकाइयाँ, क्लब, शिक्षा संस्थान, कानूनी और परिवहन संगठन आदि को जागरूक किया जायेगा कि उनके द्वारा साझा की गई जानकारी का उपयोग उनकी व्यक्तिगत पहचान उजागर किए बिना केवल सांख्यिकीय उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। उन्होंने इस कार्यशाला के माध्यम से सभी हितधारकों से अपील किया है कि सर्वेक्षणकर्ताओं को वांछित सही सूचना देकर उनको सहयोग प्रदान करें। उन्होने कहा कि इन सर्वेक्षणों के माध्यम से प्रमुख सूचनाएं जैसे-परिवार की विशेषताएं, परिवार के मुख्य क्रियाकलाप की स्थिति श्रमिकों द्वारा किये जाने वाले कार्यो की जानकारी, काम के घण्टों और वेतन की जानकारी, अनौपचारिक क्षेत्र में लगे श्रमिकों के बारे में जानकारी, रोजगार से कमाई, काम के घंटे और अतिरिक्त काम के लिए उपलब्ध घंटों की जानकारी एकत्र करना। इसके अलावा खाद्य, उत्पाद, पेय पदार्थ, कपड़ा, फर्नीचार, कागज, इलेक्ट्रानिक्स और मशीनरी उपकरण आदि का विनिर्माण उद्यमों की बुनियादी और परिचालन संबंधी जानकारी आदि का संकलन करना है। इस अवसर पर उपनिदेशक अर्थ एवं संख्या झांसी मंडल झांसी एस एन त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी भीमजी उपाध्याय, परियोजना निदेशक डीआरडीए शिवाकांत द्विवेदी, डीसी मनरेगा अवधेश दीक्षित, डीसी एनआरएलएम दिनेश यादव, हरिचरन लाल, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी, नीरज कुमार अर्थ एवं संख्या अधिकारी, राम मणि शुक्ला वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी, गौरव कुमार शर्मा वर्ष की अधिकारी झांसी भारत सरकार नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन, व्यापार संगठन के पदाधिकारी उद्योग बंधुओं के पदाधिकारी एवं समस्त जनपद स्तरीय अधिकारी सहित अधिकारीगण एवं उद्यमीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन राघवेंद्र सिंह व्याख्याता राजकीय पॉलिटेक्निक द्वारा संचालन कार्य किया।
उन्होने कहा कि प्रदेश को ”वन ट्रिलियन डॉलर” की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए विभिन्न सेक्टर का आंकलन करने हेतु प्रदेश में विभिन्न प्रकार के सर्वेक्षण संचालित किये जा रहे हैं। इन सर्वेक्षणों से प्रदेश में संचालित विकासोन्मुख योजनाओं में हो रहे निवेश के दृष्टिगत विनिर्माण, व्यापार एवं अन्य सेवा क्षेत्र में परिलक्षित हो रहे विकास की वास्तविक स्थिति के अनुरूप आंकड़े संग्रहित हो रहे हैं, जो उत्तर प्रदेश को ”वन ट्रिलियन डॉलर” अर्थव्यवस्था बनाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान की दिशा में भी बहुत महत्वपूर्ण हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, भारत सरकार और अर्थ एवं संख्या प्रभाग, उ0प्र0 द्वारा कराये जा रहे इन सर्वेक्षणों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यशाला आयोजित की जा रही है। इन कार्यशालाओं में हितधारक अर्थात-परिवार, कारखाने, दुकानें, छोटे व्यवसाय, स्वास्थ्य देखभाल इकाइयाँ, क्लब, शिक्षा संस्थान, कानूनी और परिवहन संगठन आदि को जागरूक किया जायेगा कि उनके द्वारा साझा की गई जानकारी का उपयोग उनकी व्यक्तिगत पहचान उजागर किए बिना केवल सांख्यिकीय उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। उन्होंने इस कार्यशाला के माध्यम से सभी हितधारकों से अपील किया है कि सर्वेक्षणकर्ताओं को वांछित सही सूचना देकर उनको सहयोग प्रदान करें। उन्होने कहा कि इन सर्वेक्षणों के माध्यम से प्रमुख सूचनाएं जैसे-परिवार की विशेषताएं, परिवार के मुख्य क्रियाकलाप की स्थिति श्रमिकों द्वारा किये जाने वाले कार्यो की जानकारी, काम के घण्टों और वेतन की जानकारी, अनौपचारिक क्षेत्र में लगे श्रमिकों के बारे में जानकारी, रोजगार से कमाई, काम के घंटे और अतिरिक्त काम के लिए उपलब्ध घंटों की जानकारी एकत्र करना। इसके अलावा खाद्य, उत्पाद, पेय पदार्थ, कपड़ा, फर्नीचार, कागज, इलेक्ट्रानिक्स और मशीनरी उपकरण आदि का विनिर्माण उद्यमों की बुनियादी और परिचालन संबंधी जानकारी आदि का संकलन करना है। इस अवसर पर उपनिदेशक अर्थ एवं संख्या झांसी मंडल झांसी एस एन त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी भीमजी उपाध्याय, परियोजना निदेशक डीआरडीए शिवाकांत द्विवेदी, डीसी मनरेगा अवधेश दीक्षित, डीसी एनआरएलएम दिनेश यादव, हरिचरन लाल, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी, नीरज कुमार अर्थ एवं संख्या अधिकारी, राम मणि शुक्ला वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी, गौरव कुमार शर्मा वर्ष की अधिकारी झांसी भारत सरकार नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन, व्यापार संगठन के पदाधिकारी उद्योग बंधुओं के पदाधिकारी एवं समस्त जनपद स्तरीय अधिकारी सहित अधिकारीगण एवं उद्यमीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन राघवेंद्र सिंह व्याख्याता राजकीय पॉलिटेक्निक द्वारा संचालन कार्य किया।