September 22, 2024

नई दिल्ली/सहारनपुर

यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी यूसीसी के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए जमीयत उलेमे-ए-हिंद प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने बैठक की है। उन्होंने दावा किया है कि समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन से धार्मिक विविधता, अल्पसंख्यक अधिकार और न्याय के सिद्धांत खतरे में पड़ सकते हैं। यूसीसी के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सांसदों, और मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ बैठक की।

यूसीसी पर विचार-विमर्श करने के लिए सोमवार शाम को एक सम्मेलन हुआ। जिसमें कांग्रेस से कार्ति चिदंबरम, मुहम्मद जावेद और इमरान प्रतापगढ़ी, नेशनल कॉन्फ्रेंस से हसनैन मसूदी, एलजेपी से मेहबूब अली कैसर, बीएसपी से कुंवर दानिश अली, आईयूएमएल से ईटी मुहम्मद बशीर और अब्दुस्समद समदानी सहित कई सांसद मौजूद रहे।

जमीयत ने बयान जारी करते हुए कहा कि बैठक यूसीसी से संबंधित चिंताओं, विशेष रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यक और आदिवासी समुदायों के सांस्कृतिक और धार्मिक अधिकारों पर इसके संभावित प्रभाव को संबोधित करने पर केंद्रित थी।

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