मथुरा ।यमुना का जलस्तर एक बार फिर बढ़ रहा है और खतरे के निशान को पार कर गया है। लेकिन आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यह वृद्धि फिलहाल शाम तक ही होने की संभावना जताई गई है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के कंट्रोल रूम के अनुसार और आगे के बारे में अभी ज्यादा यह कहा नहीं जा सकता। बारिश के ऊपर निर्भर है। इसलिए पानी बढ़ भी सकता है, घट भी सकता है।कल सोमवार शाम तक यमुना का जलस्तर स्थिर और खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर नीचे था। लेकिन शाम 5:00 बजे के बाद से उसमें धीरे-धीरे वृद्धि होनी शुरू हुई, जो धीरे-धीरे बढ़ते-बढ़ते आज मंगलवार सुबह 9:00 बजे तक 13 सेंटीमीटर हो गई यानी कि जो यमुना खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर नीचे बह रही थी, वह अब फिर से खतरे के निशान से 13 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है यानी कि 166.03 मीटर पर पहुंच गई है। यह अभी-अभी मंगलवार 25 जुलाई 2023 की सुबह 9:00 बजे का जलस्तर है जबकि इससे 1 घंटे पहले यानी आज मंगलवार सुबह 8:00 बजे यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र 0.1 सेंटीमीटर नीचे था। सुबह 8:00 से 9:00 के मध्य जलस्तर में एकाएक हुई 4 सेंटीमीटर की अति वृद्धि थोड़ी चिंताजनक जरूर है मगर हम यही कहेंगे कि चिंता न करें और तटवर्ती लोग जल स्तर पर अपनी नजर और सावधानी बनाए रखें।
पिछले दिनों जलस्तर बढ़ने से यमुना के तटवर्ती लोगों ने काफी परेशानी उठाई है और उनकी मुसीबतें अभी कम नहीं हुई हैं क्योंकि बाढ़ से उनके घरों में भारी नुकसान हुआ है, जिसे देख उनके हाथ-पांव फूले हुए हैं और वह घबराए हुए हैं।
ऐसे में हम यही कहेंगे कि आपको घबराने की जरूरत नहीं है, जो तूफान आना था, वह तो निकल गया है। उसे जब आपने सह लिया तो यह तो तूफान का एक झोंका है, जिससे घबराने की जरूरत नहीं है और हर हाल में आत्मबल बनाए रखने की आवश्यकता है। मुसीबत कितनी भी बड़ी आ जाए, उससे घबराने की जरूरत नहीं है वरन् उसे यह बताने की जरूरत है कि मेरा सांवरा मेरे निकट है और उसकी बगैर मर्जी के एक पत्ता भी नहीं हिलता है।
जीवन के समंदर में तूफान तो आते हैं, जो प्रभु के भरोसे हैं, प्रभु आप बचाते हैं। हां यह सही है कि जीवन के समंदर में तूफान जरूर आते हैं। लेकिन बड़े से बड़े तूफान उनका बाल बांका नहीं कर पाते हैं, जिनका बंसीवारे पर भरोसा है और जो सत्य और धर्म मार्ग के पथ गामी हैं। कष्ट सिर्फ उन्हीं को सहने पड़ते हैं, जिनका प्रभु पर भरोसा नहीं है और जो असत्य और अधर्म के मार्ग पर चलते हैं। यदि प्रभु पर भरोसा होने और सत्य एवं धर्म मार्ग पर चलने के बावजूद आपको कष्ट मिल रहे हैं तो यह समझ लीजिएगा कि प्रभु थोड़े कष्ट देकर आपके बड़े निपटारे कर रहे हैं। क्या हुआ जो उस मालिक ने हमें थोड़े गम बख्श दिए, उसकी हम पर मेहरबानियां भी तो बहुत हैं।