संसद के मानसून सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दल मणिपुर हिंसा को लेकर एक-दूसरे पर हमले तेज कर रहे हैं। सत्र 20 जुलाई को मणिपुर की दो महिलाओं के एक वायरल वीडियो पर आक्रोश के बीच शुरू हुआ, जिन्हें भीड़ द्वारा नग्न घुमाया गया था। मणिपुर मुद्दे पर हंगामे के बीच शुक्रवार को लोकसभा और राज्यसभा को स्थगित कर दिया गया था। हालांकि, आज भी इस मुद्दे को लेकर हंगामा देखने को मिला। हंगामा करने को लेकर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को संसद के मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया है।
आज क्या हुआ
विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित हो गया। एक बार के स्थगन के बाद जब बैठक दोपहर 12 बजे शुरू हुई तो सभापति जगदीप धनखड़ ने प्रश्नकाल शुरू करवाया। किंतु इसी बीच विपक्ष के सदस्य मणिपुर मुद्दे पर हंगामा और नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच सदन के नेता पीयूष गोयल ने आम आदमी पार्टी के संजय सिंह को वर्तमान सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही तृणमूल कांग्रेस के नवनिर्वाचित सदस्य साकेत गोखले ने उच्च सदन की सदस्यता की शपथ ली और इसके बाद सभापति धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।
आप ने क्या कहा
संजय सिंह के निलंबन को लेकर दिल्ली के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगर सच के लिए आवाज उठाने पर संजय सिंह को निलंबित किया जाता है तो हम परेशान नहीं होंगे। हमारी कानूनी टीम इस मामले को देखेगी, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है। संसद में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि विपक्ष मणिपुर पर चर्चा चाहता था और सरकार इस पर सहमत थी। अब, अगर इस मुद्दे (महिलाओं के खिलाफ अत्याचार) पर समग्रता से चर्चा की जाती है तो उन्हें क्या समस्या है?
सत्येंद्र जैन को सुप्रीम कोर्ट से राहत, 5 सप्ताह और बढ़ाई अंतरिम जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच किए गए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन की अंतरिम जमानत सोमवार को पांच सप्ताह के लिए बढ़ा दी। न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ को जैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने सूचित किया कि 21 जुलाई को उनकी रीढ़ की हड्डी की सर्जरी हुई थी और उन्हें ठीक होने के लिए समय चाहिए।
ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि वह अंतरिम जमानत बढ़ाने का विरोध नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी चाहती है कि एआईआईएम या किसी अन्य अस्पताल द्वारा जैन के स्वतंत्र मूल्यांकन की मांग करने वाले उसके आवेदन पर अगली तारीख पर सुनवाई हो। पीठ ने मामले की सुनवाई पांच सप्ताह बाद तय की। शीर्ष अदालत ने 10 जुलाई को चिकित्सा आधार पर जैन को दी गई अंतरिम जमानत 24 जुलाई तक बढ़ा दी थी। शीर्ष अदालत ने 26 मई को जैन को चिकित्सा आधार पर छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि एक नागरिक को अपने खर्च पर निजी अस्पताल में अपनी पसंद का इलाज कराने का अधिकार है।
ईडी ने जैन को कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से धन शोधन के आरोप में पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने जैन को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में उनके खिलाफ दर्ज की गई सीबीआई एफआईआर के बाद गिरफ्तार किया था। सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में उन्हें 6 सितंबर, 2019 को ट्रायल कोर्ट द्वारा नियमित जमानत दी गई थी।