सोनभद्र। उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग लखनऊ के निर्देश क्रम में जिलाधिकारी के आदेशानुसार थाना राबर्ट्सगंज अंतर्गत धार्मिक स्थल दंडईत बाबा मंदिर व राम जानकी मन्दिर पर उपस्थित पंडित एवं पुजारियों को बाल विवाह रोकथाम के प्रति जागरूक किया गया। उन्हें टीम द्वारा बताया गया कि, अधिकांश धार्मिक स्थलों पर तमाम दर्शनार्थियों के समक्ष बाल विवाह होता है जबकि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत सीधे- सीधे अनुसंशा है की बाल विवाह में किसी भी तरह की भागीदारी दंडनीय अपराध है। जिसके तहत किसी भी मंदिर धार्मिक स्थलों पर विवाह होने से पूर्व यह अवश्य जानकारी करें कि, बालक की उम्र 21 वर्ष व बालिका की उम्र 18 वर्ष पूर्ण हो। उनके विधिक आयु प्रमाण पत्र की जांच के उपरांत ही विवाह की अनुमति प्रदान करें। क्योंकि बाल विवाह एक ऐसी सामाजिक कुरीति है, जो कानून बनने एवं विभिन्न प्रावधानों के बाबजूद ज्यों के त्यों बनी हुई है जिसका असर बच्चों के पूरे जीवन चक्र को प्रभावित करता है। ओ आर डब्ल्यू शेषमणि दुबे द्वारा बताया गया कि, अपने आस-पास के हो रहे बाल विवाह की जानकारी तत्काल चाइल्ड हेल्पलाइन की टोल फ्री नम्बर 1098 पर दिया जा सकता है। सूचना देने वाले ब्यक्ति का नाम गोपनीय रखा जाता है। इस मौके पर वन स्टॉप सेंटर से केंद्र प्रशासक दीपिका सिंह, जिला बाल संरक्षण इकाई से संरक्षण अधिकारी रोमी पाठक, गायत्री, ओ आर डब्लू शेषमणि दुबे, चाइल्ड हेल्प लाइन से काउंसलर अमन सोनकर, सुपरवाइजर सुधा गिरी , मंदिर के पंडित पुजारी तथा दर्शनार्थी मौजूद रहे।