बीसलपुर:- प्रदेश सरकार द्वारा कोचिंग पढ़ाने पर पाबंदी लगाने के बावजूद भी नगर पालिका द्वारा संचालित विद्यालय के कोचिंग खोर अध्यापकों पर नगर पालिका परिषद की चेयरमैन/प्रबंधक ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में उन्होंने आज काशीनाथ बिहार स्थित विद्यालय के एक अध्यापक के घर पर छापेमारी करा कर बड़ी संख्या में छात्रों को कोचिंग पढ़ाते हुए पकड़ लिया। जिसके बाद उन्होंने उनके निलंबन की कार्यवाही पूर्ण कर दी है।
नगर पालिका परिषद बीसलपुर द्वारा संचालित नगर के एसआरएम इंटर कॉलेज की प्रबंधक/ पालिका की चेयरमैन शशि जयसवाल को शिकायती पत्र देकर लोगों ने कहा कि सरकार की पाबंदी के बावजूद भी विद्यालय के अध्यापक छात्रों पर कोचिंग पढ़ने को लगातार दबाव बनाकर उन्हें घर बुलाकर धन उगाही करने के बाद उन्हें पढ़ाने का काम कर रहे हैं। सूचना पाते ही उन्होंने इस मामले में कड़ाई से कदम उठाते हुए तत्काल अपने प्रतिनिधि पति अमन उर्फ निक्की जायसवाल को इस मामले में जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इसके पश्चात निक्की जायसवाल ने शिकायती पत्र के आधार पर एसआरएम इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य रामप्रताप गंगवार को कॉलेज में नोटिस निकलवा कर सभी अध्यापकों को घरों पर कोचिंग न पढ़ाने की हिदायत दी थी फिर भी नगर की स्टेशन रोड स्थित काशीनाथ विहार कॉलोनी में स्थित अध्यापक अरविंद पाल अपने मकान पर छात्रों को कोचिंग पढ़ाने का कार्य कर रहे थे। इसी दौरान चेयरमैन प्रतिनिधि ने छापेमारी करते हुए उक्त अध्यापक को रंगे हाथों पकड़ लिया। उन्होंने पाया कि लगभग 100 छात्र उनके हाल कमरे में कोचिंग पढ़ रहे थे जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग उन्होंने मौके पर करने के बाद कई छात्रों के भी बयान लिए। जिनसे उन्हें ज्ञात हुआ कि उन पर दबाव बनाकर उनको कोचिंग पढ़ाई जा रही है। इसके पश्चात साफ-सुथरी छवि रखने वाले चेयरमैन के पति निक्की जयसवाल/प्रतिनिधि ने इस मामले में उन्होंने जीव विज्ञान के अध्यापक अरविंद पाल के विरुद्ध अपनी रिपोर्ट तथा पूरी कार्यवाही से पालिका अध्यक्ष/प्रबंधक शशि जायसवाल को अवगत कराया। जिसके पश्चात उन्होंने इस मामले में कठोर निर्णय लेते हुए उक्त जीव विज्ञान अध्यापक को तत्काल प्रभाव से नोटिस जारी करते हुए निलंबित कर दिया। अचानक हुई नगर पालिका अध्यक्ष की इस कार्यवाही से विद्यालय के अन्य कोचिंग पढ़ाने वाले अध्यापकों में उथल-पुथल मच गई। इस मामले में अध्यापक अरविंद पाल का कहना है की छात्र ही स्वयं उनके यहां कोचिंग पढ़ने को दबाव बनाते हैं इसीलिए वह उनको मना नहीं कर पाते हैं उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि प्रति बच्चा कोई भी निर्धारित शुल्क नहीं है जो भी बच्चे दे देते हैं वह उसे स्वीकार कर लेते हैं।