November 27, 2024
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बलरामपुर। मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मुकेश कुमार रस्तोगी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय परिसर से पुरुष नसबंदी पखवाड़े के प्रचार प्रसार के लिए सारथी वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन के लिए पुरुष नसबंदी सबसे बेहतर विकल्प है। परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन दो चरणों में 21 नवम्बर से चार दिसम्बर 2024 के मध्य किया जा रहा है। इस दौरान प्रजनन स्वास्थ्य को देखते हुए पुरुष नसबंदी के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मुकेश कुमार रस्तोगी ने बताया कि प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए पुरुषों की सहभागिता अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रजनन स्वास्थ्य के दृष्टिगत पुरुष नसबंदी बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक मामूली शल्य प्रक्रिया है और महिला नसबंदी की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित है। पुरुष नसबंदी के लिए न्यूनतम संसाधनों एवं बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होती है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि पुरुष नसबंदी करवाने वाले व्यक्ति की उम्र 60 साल से कम होनी चाहिए। व्यक्ति शादीशुदा होना चाहिए और एक बच्चा होना जरूरी है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि भी अधिक रखी गई है। नसबंदी करवाने पर पुरुष लाभार्थी को 3,000 रुपया मिलता है वहीं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 400 रुपया मिलता है। वहीं महिला लाभार्थी को 2,000 रुपया और प्रेरक को 300 रुपया की प्रोत्साहन राशि मिलती है। उन्होंने बताया कि एनएसवी विधि के द्वारा किए जाने वाली पुरुष नसबंदी में न तो चीरा लगता है, न टांका लगता है और न ही पुरुष की पौरुष क्षमता में कमी या कमजोरी होती है। यह सरल ऑपरेशन मात्र 10 मिनट में हो जाता है। ऑपरेशन के एक घंटे बाद आदमी घर जा सकता है और 72 घंटे बाद व्यक्ति अपना रोजमर्रा का कामकाज आम दिनों की तरह कर सकता है। उन्होंने बताया कि मोबाइलजेशन फेज में एएनएम और आशा द्वारा पुरुष गर्भनिरोधक साधनों के प्रयोग के लिए इच्छुक दंपत्तियों की पहचान होगी। पुरुष नसबंदी के स्वीकारकर्ताओं की पहचान करते हुए उनके कार्यकाल और सहकर्मियों के मध्य पारस्परिक सहयोग एवं समझ का उपयोग करते हुए परिवार नियोजन में पुरुषों की भागेदारी के संबंध में जागरूकता संबंधी गतिविधियां होंगी। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिल कुमार चौधरी, डॉ बी पी सिंह, डॉ मीनाक्षी चौधरी , जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा, डीएमओ राजेश पाण्डेय,डी पी एम शिवेंद्र मणि त्रिपाठी, आकाश सिंह, राम गुलाम वर्मा आदि मौजूद रहे।

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