मोरटा में तेजी से बड़ा होता जा रहा कूड़े का पहाड़, दुर्गंध से लोगों को हो रही परेशानी
मोरटा में दिल्ली के गाजीपुर जैसा कूड़े का पहाड़ बनता जा रहा है। कूड़ा निस्तारण पर हर महीने नगर निगम के 1.70 करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद यह पहाड़ रोज तेजी से बढ़ रहा है। इसकी वजह सिर्फ दिल्ली का कूड़ा आना नहीं है।
हकीकत यह है कि कूड़ा निस्तारण के लिए 12 करोड़ में दो फैक्टरी लगाने के बावजूद नगर निगम अपनी व्यवस्था को ठीक नहीं कर पाया। इन फैक्टरियों में कूड़े से खाद बनाने के जो दावे किए गए थे, उनमें दम नहीं निकला। इन फैक्टरियों की सीएम योगी आदित्यनाथ ने तारीफ की थी लेकिन फिलहाल स्थिति यह है कि पिछले दो महीने से दोनों में ताला लटका है। इसी वजह से शहरभर का कूड़ा मोरटा में डाला जा रहा है। इसकी बदबू चार किलोमीटर तक फैल रही है।
शहर से रोज निकलने वाला 1400 मीट्रिक टन कूड़ा खपाने के लिए दूसरी जगह धौलाना के गालंद में ढूंढी गई लेकिन वहां गांव वालों ने विरोध का झंडा उठाकर नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। ऐसे में पूरा कूड़ा मोरटा में डाला जा रहा है। यहां प्रोसेसिंग प्लांट लगाकर कूड़े से खाद बनाने के बदले ठेकेदार को 1.70 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा रहा था लेकिन ठेकेदार ने खाद बनाने बजाय कूड़े का पहाड़ खड़ा कर दिया। रेत का टीला और सिहानी गेट में 12 करोड़ खर्च करके जो दो गार्बेज फैक्टरी लगाई गई थीं, उनका ठेकेदार भी भाग गया। तीन दिन पहले नया खुलासा यह भी हुआ कि मोरटा में सिर्फ शहर का ही नहीं, दिल्ली का कूड़ा भी डाला जा रहा है।