बहराइच l हर वर्ष सितंबर के अंतिम सप्ताह को नदियो के लिए विश्व नदी दिवस के रूप में मनाया जाता है l नमामि गंगे की सरयू_श्रृंगार_सेवा के तहत विगत वर्ष से लागातार प्रकृति परिवार पंथ द्वारा जारी नित्य, मां सरयू आरती का अयोजन नदी दिवस पर पितृपक्ष के अंतर्गत इस वर्ष भी हुआ। जिसमे आमजनो ने भी बढ़चढकर प्रतिभाग कर अपने पितृ देवो की कृपा व शांति के लिए सरयू आरती उतार पूजन अर्चन किया l
गोलवाघाट स्थित मां मरीमाता मंदिर के निकट स्थित सरयू आरती स्थल वंदन द्वार पर, समस्त सरयू सेवकों संग आमजनमानस भी एकत्रित हुए।
अतिथि के तौर पर जिला गंगा समीति के सचिव (अध्यक्ष सरयू श्रृंगार सेवा) डीएफओ अजीत प्रताप सिंह उपस्थित रहे l
सदस्य नमामि गंगे (संयोजक- सरयू श्रृंगार सेवा) पंथ प्रमुख अर्चित मिश्रा ने कार्यक्रम व्यवस्थापक बन इसे विधिवत सम्मपन कराया l
डीएफओ ने कहा कि सरयू ही हमारी असली पूर्वज है क्योंंकि ये हमारे बुजुर्गो से लेकर हम तक यह लगातार सभी का पोषण कर रही है l
अर्चित मिश्रा ने बताया कि विश्व नदी दिवस के सप्ताहिक पर्व पर ऐसे आयोजन होते रहेंगे
पितृपक्ष के समय गंगा व उसकी सहायक नदी में स्नान करने से पितरों को शांति मिलती है और उनके घाटों पर, पितृ के लिए किए गए श्राद्ध कर्म फलदायी होते हैं l यह माना जाता है कि गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप मिट जाते हैं और आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है l श्राद्ध पक्ष में सरयू, शारदा, सरस्वती व अन्य नदी में स्नान करना शुभ होता है।
इस स्वच्छता पखवाडे (25 सितंबर से 02 अक्टूबर) के अंतर्गत भी सरयू श्रृंगार सेवा के तहत नदियो के सम्मान मे “घाट है तो ठाठ है” की तर्ज पर सफाई व प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान भी हमारे द्वारा चलाया जा रहा है। कार्यक्रम के अंत मे सभी ने सरयू स्वच्छता की शपथ ली l
उपस्थित जनो मे अजय श्रीवास्तव, गौरीशंकर भार्गव, परमीत सिंह, सियाराम, नन्हे कुमार, अनूप, हिमांशु व अन्य जनो ने सहभागिता दी l