महराजगंज तराई (बलरामपुर ) स्वास्थ्य विभाग संक्रमित बीमारी को रोक पाने में नाकाम साबित हो रहा है।रोज नए मरीज बढ़ रहे है।हालांकि स्वास्थ्य विभाग लगातार दावा कर रहा है कि मामले में गिरावट आ रही है। लेकिन रोजाना आ रहे डायरिया के मामले अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा कर रहे हैं।जिला स्तर के अधिकारी प्रभावित गांव में जाकर खाना पूर्ति कर रहे हैं।सवाल यह है कि यदि चिकित्सा सुविधा प्रभावित गांवों में ठीक से दी जा रही है तो मरीज मर क्यों रहे है और मरीजों की संख्या बढ़ क्यों रही है। सीएचसी तुलसीपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत जहांन डीह के मजरा बनघुसरा में निवासी शहाबुद्दीन ने बताया कि मेरे पुत्र साजिद उम्र 4 वर्ष, व मेरी पुत्री शाहीन उम्र 7 वर्ष कर शनिवार रात से उल्टी दस्त से पीड़ित थी। जिनकी मृत्यु हो गई है।पिता ने बताया कि दोनों सगे भाई बहन हैं एक तरफ जहां एक ही परिवार के दो लोगों की मौत हो गई है वहीं दूसरी तरफ इसी गांव में लगभग दस लोग और उल्टी दस्त से पीड़ित हैं। जिनका इलाज पीएचसी गुलरिहा हिसामपुर व निजी अस्पताल में चल रहा है उनमे कैसर जहां 65 वर्ष, मरियम 4 वर्ष, जौहरा 10 वर्ष, सनाउल्लाह उम्र 50 वर्ष, हबीब 15 वर्ष, सीमा 7वर्ष, सुशील 35 वर्ष फरजाना 11 वर्ष, ताहिरा 18 माह,पूनम 56 वर्ष,उल्टी दस्त से पीड़ित है। गांव में साफ सफाई की व्यवस्था नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की एनम व सीएचओ गांव में कभी नहीं आती हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मुकेश कुमार रस्तोगी ने बताया कि गांव में मेडिकल टीम भेजी जा रही है।