November 25, 2024
चित्र संख्या 003

कैसरगंज/बहराइच l एमएसओ बहराइच यूनिट के लोगों ने उप जिलाधिकारी कैसरगंज पंकज दीक्षित को सौंपा ज्ञापन l
मुस्लिम स्टूडेंट्स ने कहा कि बंगलादेश में शेख हसीना की हुकूमत का तख्तापलट किया जाना राजनीतिक इच्छाओं का प्रर्दशन है , और कट्टरपंथी विचारधारा वालों को सत्ता हासिल करने का माध्यम है। जो निहायती अफसोसनाक बात है।
सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि बंगलादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकों के घरों में आग लगा दी गई और कई लोगों को मारा गया, साथ ही मंदिरों में भी तोड़फोड़ की गई। अब अल्पसंख्यको के हालात ये हैं कि वो अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं, भारत की सरहद पर हजारों की तादाद में अल्पसंख्यक जमा हो चुके हैं, वो भारत के अंदर दाखिल होना चाहते हैं।
MSO ने अल्पसंख्यको की स्थिति देखते हुए बंगलादेश के आंदोलन कारियो की निंदा की और उनको नसीहत दी कि इस्लाम और पैग़म्बरे इस्लाम की शिक्षा ये नहीं है कि इस्लाम के मानने वाले गैर मुस्लिमो पर ज़ुल्म जियादती करें और मंदिरों को निशाना बनाएं। इस्लाम सभी को सम्मान देने की बात करता है, इस्लाम मानवतावादी धर्म है, इस्लाम किसी दूसरे धर्म को मानने वाले के इबादत गाहो को तोड़फोड़ करने और आग लगाने की इजाजत नहीं देता है l बल्कि ऐसी परिस्थितियों में उनको सुरक्षा प्रदान करने की बात करता है। ये आंदोलनकारी कैसे है ? और किस तरह इन्होंने इस्लाम पढ़ा है जो इस्लाम के वसूलों के खिलाफ काम कर रहे हैं।
MSO ने कहा कि बंगलादेश में हो रहे हिंदुओं पर हमले की वजह से भारत के मुसलमानो को शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है।
MSO ने मीडिया के माध्यम से बंगलादेश के आंदोलनकारीयो को नसीहत देते हुए कहा कि सत्ता हासिल करने का जो भी मकसद हो उस सिलसिले में जो चाहें करें , मगर बराए मेहरबानी अल्पसंख्यकों के मकानों में आगजनी और मंदिरों में तोड़फोड़ न करें। बंगलादेश में प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने वाले मोहम्मद युनूस और आंदोलन के कन्वीनर नवेद इस्लाम के ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी बनती है कि वो अल्पसंख्यको की सुरक्षा के पुख्ता इंतेजामत करें।
इस मौके पर मौलाना खालिद साहब मदरसा नूरिया के उस्ताद व कैसरगंज के गणमान्य लोग मौजूद रहे l

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *