November 10, 2024
12

भदोही। कृषि विज्ञान केंद्र बेजवां में शुक्रवार को पांच दिवसीय प्राकृतिक खेती एक विज्ञान पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम में सर्वप्रथम केंद्र के अध्यक्ष डॉ.विश्वेन्दु द्विवेदी ने प्राचीन ऋषि खेती पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए प्राकृतिक खेती को अपनाने का आह्वान किया।
इस दौरान उन्होंने प्राकृतिक खेती में देशी गाय के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि देशी गाय के एक ग्राम गोबर में लगभग 500 करोड़ सूक्ष्म जीव पाए जाते हैं। मुख्य प्रशिक्षक व कृषि प्रसार विशेषज्ञ डॉ. आरपी चौधरी ने प्राकृतिक खेती के पांच स्तम्भों बीजामृत, जीवामृत, वाफसा, आच्छादन, मिश्रित फसल प्रणाली पर विस्तार से बताया एवं वीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत बनाने की विधि पर चर्चा की।
केंद्र की गृह विशेषज्ञ डॉ.रेखा सिंह ने प्राकृतिक खेती के अंतर्गत पोषण वाटिका पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उद्यान विशेषज्ञ डॉ.एके चतुर्वेदी द्वारा प्राकृतिक खेती के द्वारा सब्जी उत्पादन पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया गया। केंद्र के पशु पालक डॉ.योगेश कुमार यादव ने प्राकृतिक खेती में देसी गाय के महत्व पर प्रकाश डालते हुए गोबर, मूत्र और ए 2 मिल्क पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया। मृदा विशेषज्ञ ताराचंद बैरवा ने मृदा के भौतिक गुणों को सुधारने में प्राकृतिक खेती के योगदान को बताया। कृषि मौसम विशेषज्ञ सर्वेश बरनवाल ने मौसम पूर्वानुमान आधारित प्राकृतिक खेती करने की सलाह दी। सफलता पूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
इस पर केंद्र के डॉ.पीसी सिंह, धनंजय प्रसाद सिंह, अमित सिंह, सुरेश बिंद सहित जनपद के विभिन्न गांवों से आयुष, अभिषेक, पूनम गौतम सहित कुल 24 प्रशिक्षार्थियों ने प्रतिभाग किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *