भदोही। बीती रात कोल्हड़ मानिकपुर रोटहां में मदर आमिना पब्लिक स्कूल इस्लामिक स्टडी की जानिब से पैगामें मुस्तफ़ा कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। कांफ्रेंस का आगाज हाफिज कारी मोहम्मद जुनेद रजा ने की। उसके बाद शायर जावेद आसिम, सैयारे कमर, फ़ैयाज़ भदोहवी, अब्रेज अहमद, अनवर निजामी, मो.बदरुद्दीन व मो. शमीम ने नाते रसूले अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम पढ़ कर सामेइन के दिलो को मुनव्वर व मुजल्ला कर रहे थे। मेम्बरे रसूल पर जलवाबार हजरत अल्लामा व मौलाना रुहूल अमीन जबलपुरी ने तकरीर करते हुए कहा कि अगर तरक्की करना है तो इल्म हासिल करो, इल्म के बगैर तरक्की करना ना मुमकिन है। कहा आज दुनिया हर क्षेत्र में तरक्की कर रही है लेकिन मुसलमान हर क्षेत्र में सबसे पीछे खड़ा हुआ नजर आ रहा है इसका मतलब मुसलमान इल्म से कोसो दूर नजर आ रहा है। मौलाना ने कहा जबकि अल्लाह ने हमें जमीन पर खलीफा बना कर भेजा है। हमें इल्म सिखाने और बताने के लिए भेजा है। हमें दुनिया वालो को सीधा रास्ता दिखाने वाला बनाकर भेजा है लेकिन अफसोस आज हमीं गुमराही के दलदल में फंसे हुए नजर आ रहे है हम ही इल्म से बहोत दूर नजर आ रहे हैं। कहा अल्लाह ने मजहबे इस्लाम को वो ताकत और रौशनी अता फ़रमाई है जो किसी मजाहिब में नही है। इस्लाम की रौशनी के आगे सारी दुनिया के मजाहिब की रौशनी फीकी है। आज क़ुरआन को पढ़ कर पूरी दुनिया तरक्की याफ्ता हो रही है एक हम है जो क़ुरआन को पढ़ते नही बल्कि उसे बाला-ए- ताख पर सजा कर रखे हुए है। दुनिया के बड़े से बड़े वैज्ञानिक सब मजहबे इस्लाम के आगे बौने हैं। कहा दुनिया इसी क़ुरआन को पढ़ कर रिसर्ज करके तरक्की कर रहे हैं। लेकिन मुसलमान के घर क़ुरआन है मगर पढ़ता नही, मुसलमान क़ुरआन को पढ़ना जानता है लेकिन पढ़ता नही। गैर क़ुरआन को पढ़ना नही जानते लेकिन पढ़ रहा है और तरक्की भी कर रहा है। मौलाना ने कहा अल्लाह के रसूल के सीरत का पैगाम यही है कि इल्म हासिल करो। कहा अरब में जब अल्लाह के रसूल आए तो उस वक्त पूरा अरब जाहिलियत के दौर से गुजर रहा था इल्म से बहोत दूर था। अल्लाह के रसूल ने उन्हें इल्म के रौशनी से मुजय्यन कर दिया उन्हें जीने का सलीका सिखाया तो वह वक्त के सुल्तान बन गए। कहा इल्म हासिल करो और अपने बच्चों को इल्म के सांचे में ढालो दुनिया मे तुम सुर्खरू हो जाओगे, तरक्की तुम्हारे कदम को बोसा देगी। वहीं मौलाना सैयद अमीरुद्दीन, मौलाना गुलाम अंजुम यहिया, मौलाना डॉ अहमद नईमी चतुर्वेदी, मौलाना ताज मोहम्मद, मौलाना महफूज आलम ने भी इल्म पर रौशनी डाली और कहा तरक्की करना है तो इल्म हासिल करो और अपने बच्चों को इल्म हासिल कराकर उनके मुस्तकबिल को संवारो। कांफ्रेंस सदारत अल्हाज सूफी इजहारुल्लाह ने की। सरपरस्ती मौलाना मो. मुख्तार अहमद ने की। कांफ्रेंस की निजामत नकीबे हिंदुस्तान मो. ज़ाहिद रजा ने की। जेरे हिमायत मौलाना फैसल अशरफी रहे। कांफ्रेंस के दूल्हा मदर आमिना पब्लिक स्कूल इस्लामिक स्टडी ट्रस्टी अलमेराज ट्रस्ट भदोही के चीफ हाफिज व कारी मेराज अहमद अशरफी रिजवी ने आए हुए सभी उल्मा-ए- अहले सुन्नत, शोअरा-ए- ओज्ज़ाम तथा सामेइन का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया।