मथुरा । उच्च न्यायालय ने मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण से जुड़े एक मामले में राज्य सूचना आयुक्त पर कड़ी कार्यवाही करते हुए एक सप्ताह में निर्देश का प्रदान का पालन करने का निर्देश दिया है, उच्च न्यायालय ने राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती पर यह कार्यवाही उन्हें उच्च न्यायालय द्वारा छह दिसंबर को शहर के डैम्पियर नगर के सम्बंध में मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण से दो माह में सूचना दिलाने को दिये गये निर्देश का अनुपालन नही करने पर की गई है, हाईकोर्ट के जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने यह कार्यवाही याचिकाकर्ता बालकृष्ण अग्रवाल की ओर से दाखिल याचिका पर शुक्रवार को हुई सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त को न्यायालय के आदेश की अवहेलना का दोषी माना है ।
मथुरा शहर के कृष्णा नगर निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट व पत्रकार बालकृष्ण अग्रवाल द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण से वर्ष 2020 की 28 दिसम्बर को शहर के पॉश एरिया डैम्पियर नगर के भू उपयोग और यहां हो रहे व्यावसायिक निर्माणों आदि के सम्बंध में कुल पांच बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई थी जिसपर विप्रा द्वारा कोई जानकारी नहीं देने पर प्रार्थी द्वारा 27 फरवरी 2021 व 28 जुलाई 2021 को विप्रा के सचिव जो प्रथम अपीलीय अधिकारी भी हैं, को उक्त मामले में सुनवाई करते हुए वांछित सूचनाओं को प्रदान किये जाने का आग्रह किया गया लेकिन विप्रा के सचिव यानी प्रथम अपीलीय अधिकारी भी हैं, द्वारा प्रार्थी के आवेदन पर कोई संज्ञान नही लिया गया और ना ही प्रार्थी को वांछित सूचनाओं व जानकारियां उपलब्ध नहीं कराई गईं ।
वादी बालकृष्ण अग्रवाल द्वारा 17 सितम्बर 2021 को उक्त प्रकरण को लेकर राज्य सूचना आयोग लखनऊ के समक्ष द्वितीय अपील दाखिल की गई जिसपर राज्य सूचना आयोग लखनऊ द्वारा 21 सितम्बर 2022 को सुनवाई की गई, सुनवाई के दौरान मौजूद विप्रा के जनसूचना अधिकारी के प्रतिनिधि द्वारा वांछित सूचनाओं से इतर एक भ्रामक और गुमराह किये जाने वाली सूचना उपलब्ध कराई जिसपर वादी बालकृष्ण अग्रवाल ने राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए अपना पक्ष रखते हुए जनसूचना अधिकारी के प्रतिनिधि द्वारा प्रस्तुत सूचनाओं पर असन्तुष्टि जाहिर की लेकिन राज्य सूचना आयुक्त द्वारा वादी के पक्ष को अनसुना करते हुए नियम विरुद्ध तरीके से अपील को निस्तारित कर दिया गया।
वादी बालकृष्ण अग्रवाल द्वारा 12 अक्टूबर को राज्य सूचना आयोग लखनऊ में उक्त प्रकरण पर पुनः सुनवाई के लिये आवेदन करने के साथ ही मुख्यमंत्री और राज्यपाल उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र प्रेषित कर उक्त प्रकरण की जानकारी देने के साथ ही राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती के कृत्यों की शिकायत करते हुए उच्च स्तरीय जांच कराने का आग्रह किया गया, साथ ही एक दिसम्बर को उच्च न्यायालय प्रयागराज में एक याचिका दायर की जिसपर उच्च न्यायालय की बैंच 9 में जस्टिस प्रकाश पाड़िया द्वारा 6 दिसम्बर को सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त लखनऊ को वादी बालकृष्ण अग्रवाल के पुनः सुनवाई प्रकरण पर दो माह में सुनवाई करने और वादी को डैम्पियर नगर से सम्बंधित सभी वांछित सूचनाओं को उपलब्ध कराये जाने का निर्देश दिया था ।
वादी बालकृष्ण अग्रवाल ने मथुरा शहर के घनी आबादी वाले क्षेत्र डैम्पियर नगर के सम्बंध में मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण से पांच बिंदुओं पर सूचना मांगी थी लेकिन विप्रा द्वारा सूचना उपलब्ध नही कराये जाने पर यह प्रकरण राज्य सूचना आयोग लखनऊ पहुंचा, वादी को सूचना आयोग के माध्यम से भी उपरोक्त सूचना नहीं मिलने पर इस प्रकरण पर 6 दिसंबर 2022 को हाईकोर्ट प्रयागराज ने राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती को दो माह में सूचना दिलाने का आदेश पारित किया था लेकिन राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती द्वारा उच्च न्यायालय के दो माह में सूचना दिलाने के आदेश के बावजूद गत चार महीने में भी न्यायालय के आदेश का अनुपालन नही करने व वादी को वांछित सूचना नही दिलाने को लेकर वादी द्वारा उच्च न्यायालय में कोर्ट ऑफ कन्टम्प एक्ट के तहत एक याचिका दाखिल की गई, उच्च न्यायालय के जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती पर न्यायालय के आदेश की अवहेलना मानते हुए वादी को एक सप्ताह में आदेश का अनुपालन करते हुए वादी को वांछित सूचना दिलाने का निर्देश दिया है, उच्च न्यायालय में वादी बालकृष्ण अग्रवाल की ओर से एडवोकेट कीर्तिमान सिंह, दीपक पटेल व वसी अव्वास द्वारा मजबूती के साथ अपना पक्ष रखा गया ।