भदोही। अल्वेदा हो अल्वेदा हो या शहर्ररमजान की सदाओं से पूरा शहर गूंज उठा। रमज़ान शरीफ की अंतिम जुमा यानी अल्वेदा कि नमाज़ अदा करने के लिए शहर के तमाम मस्जिदों में रोजेदारों ने नम आंखों से अल्वेदा की नमाज़ अदा की।
रोजेदारों ने माहे रमज़ान के अंतिम जुमा यानी अल्वेदा की नमाज नगर के मेन रोड स्थित जामा मस्जिद तकिया कल्लन शाह , मर्यादपट्टी स्थित हज़रत सैयद मीर उबैदुल्ला के आस्ताने वाली मस्जिद, औराई रोड नाबीना शाह मस्जिद, अज़ीमुल्लाह चौराहा स्थित मस्जिद, गौसिया मस्जिद, पश्चिम तरफ स्थित मस्जिद, जमुंद स्थित कुजड़ाने वाली मस्जिद, पचभैया, मलिकाना, नूरखांपुर, आलमपुर पुरानी मस्जिद, आलमपुर नई बस्ती, जल्लापुर, बाजार सरदार खां, दरोपुर, बंधवा नई बस्ती, गोरियाना स्थित नगीने वाली मस्जिद, कसाई टोला वाली मस्जिद, अहाता वाली मस्जिद, मीराशाह, अम्बरनीम स्थित त्यागी मस्जिद, रामसहायपुर, बाजार सलावत खां, घमहापुर, दरोपुर, काजीपुर मोती मस्जिद, काजीपुर मरकज़ मस्जिद, काशीपुर, सहाबाबाद स्थित सुनहरी मस्जिद, मदरसा अरबिया मदीनतुल इल्म, जलालपुर प्रथम मोहल्ले वाली मस्जिद, जलालपुर द्वितिय मोहल्ले वाली मस्जिद, छेड़ीवीर मोहल्ले वाली मस्जिद व नुरखांपुर एक मिनारा वाली मस्जिद सहित सभी मस्जिदों में अल्वेदा की नमाज़ अदा की गई तो वहीं नमाज़ से क़ब्ल मस्जिदों में रमज़ान के रुखसत होने पर मौलाना हाफिज अरफ़ात हुसैन मिस्बाही ने करीर की। तकरीर सुन रोजेदारों के आंखों से आंसू छलक पड़े। शहर के सभी मस्जिदे नमाजियों से खचाखच भरी रही। अजान से पहले ही नमाजी अलविदा की नमाज अदा करने के लिए मस्जिदों की ओर रुख करना शुरु कर दिए थे। जब इमाम ने खुतबा में अलविदा हो अलविदा हो या शहर्ररमजान कहा तो रोजेदारों के आंखें आंसुओं से भर गई। नमाज़ अदा करने के बाद इमाम ने बारगाहे परवरदिगार में रो-रो कर दुआ मांगी। कहा ऐ मेरे रब तू हमें माफ़ कर हम गुनाहो में दबे हुए है लेकिन तू रहीम है हम पर करम कर। ऐ मेरे अल्लाह मेरे सजदों को तिलावते कुरआन पाक और मेरे रोज़ो को कुबूल कर। मुझसे जो जाने अनजाने में गलतियां हुई तू उसे माफ कर दें।ऐ मेरे अल्लाह हमे नमाज़ी बना दे, हमे ईमान की दौलत अता कर, जो बीमार है उन्हें शिफा अता रोज़ेदारो ने नम आँखो से माहे रमज़ान के आखिरी जुमा यानी अलविदा की नमाज़ अदा की। शहर के तमाम मस्जिदों में अलविदा की नमाज़ सकुशल संपन्न हुआ।