सोनभद्र। ओबरा थाना क्षेत्र के सलईबनवा रेलवे साइडिंग पर हो रहा कोयला में मिलावट एवं अवैध भंडारण लोगों के लिए समस्या का सबब बना हुआ है। कोयले के इस तरह के अवैध भंडारण से जहां आग लगने की संभावना प्रबल है तो वही उससे फैलने वाले धुंआ से प्रदूषण फैलने के साथ साथ वातावरण जहरीला हो सकता है। कुछ समय पहले सीसीएल द्वारा कोयले के अवैध भंडारण का मामला बेहद चर्चा में रहा, परंतु उस पर अभी तक कोई ठोस कार्यवाई नहीं हो सकी। इस तरह का अवैध भंडारण कोयले में मिलावट के लिए किया जाता है जिससे कोयले की गुणवत्ता घट जाती है। समय-समय पर एनजीटी ने भी कोयले के भंडारण से होने वाले प्रदूषण को लेकर काफी सख्त निर्देश दिए हैं, परंतु उसे अमल में नहीं लाया जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी यह हिदायत दी गई है कि, कोयले के भंडारण से वातावरण दूषित न होने पाए परंतु विभाग मौन बना हुआ है। इस अवैध कोल डंपिंग से जहां एक ओर सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर आम जनमानस अपनी सुरक्षा को लेकर चिन्तित है। बताया जाता है कि, रेलवे की 40 माल रेलगाड़ियों एवं 4 सवारी रेलगाड़ीयों का आवागमन उसी रेल लाइन से होता है। अवैध कोयला भंडारण के दौरान उठ रहे चिंगारी से बड़ी घटनाओं का अंदेशा लगाया जा सकता है। यात्रियों एवं ग्रामीणजनो ने बताया कि, कोल डंम्पिग से धूंआ की लपटें को देखा गया है जो किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है। इसके खयाल से जन जीवन को सुरक्षित करना शासन प्रसासन का पहला ध्येय है, परन्तु जिला प्रशासन के कतिपय जिम्मेदार अधिकारी कुम्भकरणी निंद में हैं या जान बुझकर हादसे के आगाज से अनभिज्ञ हैं। सलईबनवा के ग्रामीणों ने बताया कि, रेलवे साइडिंग पर सटा हुआ कोयला डम्पिग कर रख्खा गया है जिसमें एक छोर से धूंआ निकल रहा है। 44 रेलगाड़ियों के आवागमन के दौरान भारी कोयले की एक चिंगारी सलईबनवा, ओबरा थाना क्षेत्र के सलईबनवा रेलवे साइडिंग पर अवैध कोयले में मिलावटी एवं अवैध भंडारण लोगों के लिए समस्या उत्पन्न करने के साथ जन जीवन के लिए त्रासदी न बन जाय, यह बात आम जनमानस को नित्य सताए जा रहा है। आस पास के क्षेत्रीय ग्रामीणों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए अवैध कोयला डम्पिग की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।