बलरामपुर/जिलाधिकारी अरविन्द सिंह का ऑपरेशन माफिया कमर तोड़’’ पर काम लगातार जारी है। पिछले छः माह से गोपनीय सूचनाओं एवं सीक्रेट मिशन के तहत साक्ष्यों के आधार पर जिला मजिस्ट्रेट एवं टीम के द्वारा निर्वाध रूप से विगत 72 घन्टे से समस्त विधिक प्रक्रिया को पूर्ण कराते हुए माफियाओं के विरूद्ध थाना सादुल्लानगर में आरिफ अनवर हाशमी और उसके भाई मारूफ अनवर हाशमी तथा गैंग के अन्य सदस्यों को खिलाफ एसडीएम उतरौला कोे सुबह सुबह भेजकर गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। इसके लिए डीएम ने पुलिस को भी निर्देश दिए थे। बतातें चलें कि मारूफ अनवर हाशमी एवं उसके भाई आरिफ अनवर हाशमी ने लगभग 15 साल पहले थाना सादुल्लाह नगर परिसर की बेशकीमती जमीन को कूट रचित तरीके अपने प्राक्सी के नाम दर्ज कराकर जमीन पर कब्जा कर लिया।
डीएम अरविन्द सिंह द्वारा माफिया के काले कारनामों के बारे में उसके पैतृक जनपद गोण्डा तथा बलरामपुर सहित अन्य जगहों से साक्ष्य, दशकों पुराने कागजात एवं सूचनाएं इकटठा की गईं और इसके लिए डीएम द्वारा मजिस्ट्रेट भी लगाये गये ।इसी क्रम में साक्ष्यों की लड़ी बनती चली गई। डीएम अरविन्द सिंह ने कानूनी एवं सांविधिक प्रक्रिया को अपनाते हुए चरणवार तरीके से स्वयं तथा अपने मजिस्ट्रेटी तंत्र से गोपनीय अन्वेषण एवं न्यायालय में तथ्यों एवं साक्ष्यों के आधार पर थाने की कब्जाई हुई जमीन को विगत 19 मार्च को पुनः सरकार के पक्ष में फैसला कर दिया तथा इसी बीते 30 मार्च को जमीन पुनः सरकार के पक्ष में थाने के नाम शासकीय अभिलेखों में दर्ज करा दी गई।
जिलाधिकारी ने 29 मार्च से निर्बाध रूप से अपनी टीम के साथ कार्य करते हुए रणनीति के तहत साक्ष्यों एवं पूरी कानूनी प्रक्रिया का अक्षरशः पालन करते हुए 01 अप्रैल को सुबह तड़के ही एसडीएम उतरौला को इन आरोपियों के ऊपर जो कि आदतन सरकारी जमीनों पर कब्जा करते हैं, के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया जिसका अनुपालन तत्काल पुलिस से कराया गया। दुर्भाग्य की बात है कि पिछले 15 साल से थाना कोतवाली सादुल्लाह नगर के परिसर के अन्दर अर्थात बाउन्ड्री वाल के अन्दर की 730 वर्ग मीटर की बेशकीमती जमीन इन आरोपियों ने कूट रचना करके अपने प्राक्सी(प्रतिनिधि) संस्था के नाम दर्ज कराकर बिना अवरोध के उसका उपयोग कर रहे थे।
जब डीएम की वक्रदृष्टि इस पर छः माह पहले पड़ी तभी से इन माफियाओं के क्रिया कलापों की उलटी गिनती चालू हो गई और आज 72 घन्टे निरन्तर जगकर विधिक आवश्यकताओं को पूर्ण करते हुए जिलाधिकारी ने कार्यवाही संपादित कराई।चूंकि इस एफआईआर में 10 वर्ष तक की सजा का प्राविधान है। इन आरोपियों पर *‘‘ऑपरेशन माफिया कमर तोड़’ के तहत कार्यवाही की गई है। अब ये माफिया कभी भी सलाखों के पीछे जा सकते हैं।
जैसा कि जिलाधिकारी ने पूर्व में भी आगाह किया था कि वन माफिया, भूमाफिया, शराब माफिया और बड़े स्तर के गैंगस्टर कितने भी मजबूत क्यों न हों जायें, वह जिला प्रशासन की कटिबद्धता को जरा भी कमजोर नहीं कर पाएगें। उनके ऊपर कानून के तहत कठोर कार्यवाही समस्त साक्ष्यों के तहत की जाएगी। जिलाधिकारी ने कुछ दिन पूर्व अपनी गैंगस्टर न्यायालय में विस्तृत जजमेन्ट/आदेश पारित किया था जिससे कि इस प्रकार के माफियाओं की कई करोड़ की सम्पत्ति स्थायी रूप से कुर्क रहने का रास्ता साफ हो गया था। इसके लिए जिला मजिस्ट्रेट ने अपने न्यायालय की प्रदत्त शक्तियों का समुचित प्रयोग करते हुए केन्द्रीय एजेन्सियों एवं केन्द्रीय अधिनियमों के तहत सृजित साक्ष्यों को अपनी कोर्ट में तलब करते हुए अपने विस्तृत 117 पन्ने के न्यायिक आदेश से इन गैंगस्टरों द्वारा धोखाधड़ी एवं गरीब कमजोर को डरा धमकाकर औने-पौने दाम में बैनामा करा करके कब्जाई गई जमीनों तथा सरकारी सम्पत्तियों का अपने तथा अपने प्रतिनिधियों के नाम करा ली गई जमीनों को न्यायालय की शक्तियों का निष्पक्ष एवं विधि सम्मत रूप से प्रयोग करते हुए सरकार के पक्ष में कुर्की का आदेश पारित करा दिया था। जिलाधिकारी ने बताया कि लोकसभा चुनाव को जिला निर्वाचन अधिकारी की भूमिका में शुचितापूर्ण, स्वंतत्र, निष्पक्ष एवं निर्भीक, माफिया मुक्त, अवैध धनबल मुक्त निर्वाचन कराने में जिला प्रशासन की पूर्ण कटिबद्धता है।