भदोही। रमज़ान शरीफ के 18 वीं शब कुरौना स्थित पुरानी मस्जिद में हाफ़िज़ वसीम अंसारी ने तरावीह मुकम्मल कि। तरावीह मुकम्मल होने के बाद हाफ़िज़ साहब ने आलमे इस्लाम के लिए दुआ कि तो वहीँ अपने गुनाहो पे नादिम होते हुए बख्शिस कि दुआ मांगी गई। इस दौरान मुक्तदियों को खेताब करते हुए हाफिज वसीम अंसारी ने हदीसे पाक ब्यान करते हुए कहा कि आक़ा अलैहिस्सलाम ने फरमाया कि जो क़ुरआन को तरन्नुम के साथ खुश अल्हानि के साथ न पढ़े वो मेरी उम्मत से नहीं है। श्री अंसारी ने कहा क़ुरआन को खुश अल्हानी के साथ पढ़ें। आक़ा स. खुद क़ुरआन को तरन्नुम से पढ़ते। कहा क़ुरआन को रो कर पढ़ो गम और दर्द कि आवाज़ से पढ़ो।क़ुरआन को ऐसे पढ़ो कि लोग सुन कर रो दे और ऐसा हो कि अल्लाह कि बारगाह में हम उससे रो कर हमकलाम हो रहे हों।उन्होंने कहा हज़रते फारुके आज़म रज़ि. फजर कि नमाज़ में सूरह यूसुफ़ पढ़ा करते थे और जब हज़रते याक़ूब अलैहिस्सलाम के गम कि बात आती कि बारी तआला मैं अपने गम और दुःख को तेरे हुज़ूर पेश करता जब उस मक़ाम तक पहुँचते तो हज़रते फारुके आज़म रज़ि. के चीख निकल जाती और रोने लगते। श्री अंसारी ने कहा क़ुरआन मजीद के तिलावत से दिल के मैल दूर हो जाया करते है। क़ुरआन सरापा फैज़ है इसलिए क़ुरआन को समझ कर पढ़ा करो। क़ुरआन पढ़ते वक़्त रोया करो जैसा कि हम रो-रो कर अपने रब से हमकलाम हो रहे है। कहा अल्लाह ने हम पर ये एहसान किया कि हमको क़ुरआन वाली उम्मत बनाया। कहा कोई उम्मत अपनी किताब को याद न कर सकी सिर्फ नबी को याद होता था।लेकिन अल्लाह ने उम्मते मोहम्मदिया को क़ुरआन दिया और याद करने का सलीक़ा दिया और इनके सीने को खोल दिया।आज 7 साल का बच्चा भी हाफिज़े क़ुरआन होता हुआ नज़र आ रहा है आज 80 साल के बूढ़े जवान सब क़ुरआन को पढ़ते और फिफ्ज़ करते हुए नज़र आ रहे है ये शरफ सिर्फ उम्मते मोहम्मदिया को ही अल्लाह ने दिया। सोचो ये मेरे रब का कितना बड़ा एहसान और फ़ज़्ल है। कहा क़ुरआन को खुश अल्हानि और तरन्नुम के साथ पढ़ा करो गोया कि हम अपने रब के सामने रो-रो कर हम कलाम हो रहे हैं। तक़रीर ख़त्म होने के बाद मुक्तदियों में तबर्रुकात को तक़सीम किये गए। इस अवसर पर हाजी वसीम अंसारी, कमरुद्दीन, इश्तियाक अहमद प्रधान, मुन्ना अंसारी, मुनीर अंसारी, इरशाद अंसारी, नसरुद्दीन अंसारी, अतहर अंसारी, अलीम अंसारी, स्लिम अंसारी, सुहेल अहमद, जावेद उर्फ अन्टू, रमजान अली, शकील अहमद, मेराज अहमद, समीर आदि लोगो ने हाफ़िज़ वसीम अंसारी को दिल कि गहराईयों से मुबारकबाद दी।