ललितपुर- बुंदेलखंड के प्रसिद्ध सिद्ध क्षेत्र पावागिरि जी की पावन धरा पर सोलह कारण महापर्व में अनुमति त्याग प्रतिमाधारी बाल ब्रह्मचारी अशोक भैया लिधौरा के निर्देशन में नववर्ष आगमन पर आयोजित सिद्ध चक्र महामंडल विधान, हवन एवं विश्व शांति महायज्ञ में बुधवार को नित्यमय, अभिषेक शांतिधारा के उपरांत अतिशय युक्त चमत्कारी बाबा मूलनायक पारसनाथ स्वामी का महामस्तिकाभिषेक किया। आचार्य ज्ञेय सागर महाराज की परम प्रभावक शिष्या आर्यिका प्रशम मति एवं आर्यिका उपशम मति माताजी का बबीना से विहार कर पावागिरि जी में मंगल प्रवेश हुआ। तो भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने हाइवे राजमार्ग साइन बोर्ड पहुंचकर भव्य अागुवानी की, क्षेत्र वंदना कर आर्यिका संघ ने विधान में सानिध्य प्रदान किया। अहमेन्द्र जैन एन्ड पार्टी गंजवासौदा के मधुर संगीत में भक्ति पूर्वक विधान का भव्य आयोजन कर 256 अर्घ समर्पित किये। इस मौक़े पर बाल ब्रह्मचारी अशोक भैया ने श्रीपाल मैना सुंदरी का वृत्तांत सुनाते हुए कहा कि सिद्ध चक्र महामंडल विधान असीम पुण्य बंध का कारण है, जिसके मंडप दर्शन से दुःख दर्द का निवारण एवं विशुद्धि पूर्वक सिद्धों की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। रात्रि में मंगल आरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। जिसमें सरोज सुभाष जैन, सुधा सुरेश जैन, सपना सौरभ जैन, समता सुरेन्द्र जैन, सोनाली विकास जैन, शशि सुरेशचंद्र, मीना सतीशचंद्र,अरुणा राजकुमार, अंगूरी रमेश, चंदा आनंद जैन, अंगूरीबाई, प्रभा राजेंद्र जैन, उषा सुमेर चंद्र, गुलाब बाई राजकुमार, चंदा पवन जैन, साधना प्रमोद, उर्मिला सुधीर, समता जितिन, अंजू नरेंद्र, पुष्पा अरविन्द, आशा संतोष, रजनी प्रमोद, सुनीता सुकमाल, नीलम जयकुमार, कल्पना रविंद्र, सुषमा विजय, सीमा जिनेन्द्र, कीर्ति प्रबल, नीतू विकास जैन, स्वप्निल, हर्षिल एवं उत्तमचंद्र, संदीप कुमार, अक्षत जैन पवा का सक्रीय सहयोग रहा। अंत में सुरेंद्र जैन पवा ने सभी का आभार व्यक्त किया। जिसमें क्षेत्र प्रबंध समिति एवं सकल दिगम्बर जैन समाज का सक्रीय सहयोग रहा।