नई दिल्ली। विगत 33 वर्षो से जल विज्ञान एवं पर्यावरण का बुनियादी विज्ञान पर शोध कर रहे विश्व के सर्वकालीन महानतम वैज्ञानिक श्याम सुंदर राठी जी ने दिल्ली में मीडिया को बताया कि जल्द ही उड़ीसा के मयूरभंज जिले को 100% जल सेचन की सुविधा प्रदान करने एवं पानी यानि जल समस्या से मुक्त करने के लिए पानी मिलने लगेगा। इसी प्रोजेक्ट को लेकर जिला प्रशासन को लेकर एक प्रोपोजल उन्होंने दिया है जिसको स्वीकार कर लिया गया है। प्रस्ताव के मुताबिक मात्र 2 वर्षो की छोटी सी अवधि में मयूरभंज जिले के 25 लाख नागरिकों को शुद्ध पानी पहुंचाने लगेगा एवं 3 लाख एकड़ कृषि भूमि को 100% जल सिंचाई की सुविधा मिलने लगेगी। मयूरभंज जिले के नागरिकों को पीने का पानी पहुचाने एवं किसानों को जल सेचन मुहैया कराने के लिए व्यवस्था को भूगर्भ जल के दोहन की आवश्यकता नहीं रहेगी। वैज्ञानिक राठी जी ने स्पष्ट किया कि अब तक मानव जाति जलप्रपातों का एक बूँद पानी पीने या कृषि कार्यो के लिए उपयोग नहीं कर रहा है। इन जलप्रपातों से देश को आवश्यक होने वाले पानी से 30 गुना से भी अधिक पानी हम समुद्र में बहा रहे हैं एवं जनता बूँद बूँद पानी के लिए तरस रही हैं। किसान जल सेचन की सुविधाओं के लिए तड़फ रहे हैं तथा उनकी खेती राम भरोसे चल रही है। इस परियोजना को जीवंत स्वरूप देने के लिए वैज्ञानिक राठी जी ने मयूरभंज जिले की सैंकड़ों जलप्रपातों में से 15 जलप्रपातों का चयन किया है। चुनी हुई जलप्रपातों से विशेष विधि से पानी निकाल कर भीमकाय टंकियों यानि एम.एस.डी में भर्ती कर के हिताधिकारियों तक पानी पहुंचाने की सुव्यवस्थित व्यवस्था बैठाई जाएगी। अब तक इन जलप्रपातों का एक बूँद पानी उपयोग में नहीं लिया जाता है और यही पानी बाढ़ का रूप धारण कर के नागरिकों के घरों को डुबाने एवं आर्थिक नुकसान पहुंचाने का काम कर रहा है। इन जलप्रपातों का प्रतिदिन करोड़ों अरबों लीटर पानी बहकर समुद्र में चला जाता है मगर जलप्रपात से 50मीटर दूर कृषिभूमि पानी की कमी के कारण सूखे से बर्बाद हो रही है। आधा किलोमीटर दूर निवास करने वाले लोगों को भी पानीय जल के लिए भूगर्भ जल के जहरीले पर निर्भर रहना पड़ता है। भीमकाय टंकियां बनाकर नदी बांध योजना से हजारों गुनी सस्ती एवं साल भर में पूरी होने वाली व्यवस्था है। जल वैज्ञानिक राठी ने स्पष्ट किया कि इस प्रकल्प के जरिए मयूरभंज जिले को जल सेचन के लिए आवश्यक होने वाला 30 करोड़ किलोलीटर पानी तथा पीने के लिए आवश्यक होने वाला 5करोड़ किलोलीटर विशुद्ध पानी की आपूर्ति 2वर्षो में सुगमता के साथ सम्भवपर होगी। इस प्रकल्प से जिले के नागरिकों के जीवन स्तर में बहुत बड़ा सुधार आएगा, नागरिकों के आर्थिक विकास को बहुत बड़ी गति मिलेगी तथा कृषि मजदूरों को पर्याप्त कर्म नियुक्ति देने में सरकार को मदद मिलेगी। विशेष दृष्टव्य में कहें तो इस परियोजना से मानव जाति को ग्लोबल वार्मिग एवं जलवायु परिवर्तन समस्या से मुक्ति का मार्ग प्रसस्त होगा।