नारी सशक्तिकरण एक ऐसा विषय है जो आज के समय में बेहद प्रासंगिक है। यह सिर्फ एक शब्द नहीं है, बल्कि एक विचार है जो समाज के हर पहलू को प्रभावित करता है। नारी सशक्तिकरण का अर्थ है महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उन्हें समाज में समानता का दर्जा देना।” उत्तर प्रदेश शासन द्वारा महिलाओं/बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वालंबन हेतु चलाये जा रहे मिशन शक्ति अभियान (फेज-05) के तहत पुलिस अधीक्षक कासगंज अपर्णा रजत कौशिक के निर्देशन एवं नोडल अधिकारी/अपर पुलिस अधीक्षक कासगंज राजेश भारती के पर्यवेक्षण में जनपद के समस्त थाना क्षेत्रांतर्गत महिला बीट पुलिस अधिकारियों द्वारा गांव, कस्बा, बस स्टैण्ड सहित विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर भ्रमण कर प्राथमिकता के आधार पर महिला एवं बालिकाओं को जागरुक करने के साथ ही महिला संबंधित समस्याओं के निस्तारण कराने के संबंध में जनजागरुकता अभियान चलाया जा रहा है तथा महिलाओं एवं बालिकाओं के साथ जुड़कर उन्हें सशक्त एवं सुरक्षित वातावरण देने का प्रयास किया जा रहा है।
इसी क्रम में आज दिनांक 11.12.2024 को जनपदीय महिला बीट पुलिस अधिकारियों द्वारा प्राथमिकता के आधार पर महिलाओं एवं बालिकाओं को नारी सशक्तिकरण की आवश्यकता के संबंध में विस्तार से जानकारी देकर बताया गया कि महिलाएं समाज की आधी आबादी हैं। यदि हम उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित नहीं करते हैं, तो हम समाज की आधी क्षमता का उपयोग नहीं कर पाएंगे। शिक्षित और सशक्त महिलाएं समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे अपने परिवारों और समुदायों को बेहतर बनाने में योगदान दे सकती हैं। नारी सशक्तिकरण लैंगिक समानता का एक महत्वपूर्ण पहलू है। जब महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार मिलेंगे, तभी समाज में वास्तविक विकास होगा। शिक्षा महिला सशक्तिकरण का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है। शिक्षित महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होती हैं और समाज में अपनी भूमिका निभाने में सक्षम होती हैं। महिलाओं को रोजगार के समान अवसर प्रदान करने चाहिए। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि उन्हें सामाजिक रूप से भी सशक्त बनाएगा। हमें समाज में महिलाओं के प्रति पूर्वाग्रहों को दूर करना होगा। महिलाओं को पुरुषों के बराबर सम्मान दिया जाना चाहिए। इसीलिए महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए बने मजबूत कानूनों की जानकारी समय समय पर दी जा रही है।
इसके साथ ही महिला एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान, स्वस्थ्य रिलेशनसिप एवं महिलाओं की सुरक्षा सहायता हेतु निर्मित न्यायिक कानूनों का दुरुपयोग, झूठे मुकदमों के परिणाम, साइबर हिंसा, प्रेम सम्बन्धों में घर से पलायन एवं एवं नशीली वस्तुओं का सेवन न करने एवं नशावृत्ति के कारण परिवार को होने वाली शारीरिक, आर्थिक व सामाजिक क्षति के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए जागरूक किया गया। नशे की लत छोड़ने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति जागृत करने एवं नशामुक्ति विशेषज्ञों एवं परिवार के वरिष्ठ नागरिकों द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन कराये जाने हेतु अवगत कराया गया एवं नशा मुक्ति सम्बन्धित पंपलेट वितरित किए गए, इसके साथ ही शासन द्वारा संचालित विभिन्न हेल्पलाइन नम्बरों एवं कानूनी प्रावधानों एवं उनके अधिकारों इत्यादि के बारे में चर्चा करते हुए जागरुक किया गया है ।