बरात बैरंग, हुआ तीन तलाक़, देना पड़ा दो लाख हर्जाना।
औरंगाबाद (बुलंदशहर)
महज एक कुर्सी बन गई तलाक का सबब। कुर्सी को लेकर भिड़े घराती बराती और नतीजा तलाक़ के बाद दो लाख हर्जाना देकर बरात बिना दुल्हन लिए बैरंग वापस लौट गई।
शनिवार को कस्बे के पवसरा रोड़ स्थित एक मैरिज मंडप में दिल्ली से एक बरात कस्बा निवासी एक युवती की आई थी। दोनों पक्षों की रजामंदी से निकाह भी कबूल कर लिया गया। निकाह की रस्म अदायगी के पश्चात एक कुर्सी को लेकर मामला नोंक-झोंक से शुरू होकर तलाक़ तक जा पहुंचा । घरातियों ने बरात को बंधक बना लिया और आवभगत पर हुए खर्च आदि को वसूल कर तलाक दिला बारात को बैरंग वापस लौटा दिया। बताया जाता है कि दूल्हे की दादी एक कुर्सी पर बैठीं हुईं थीं। घराती पक्ष के एक युवक ने दादी से कुर्सी मांग ली। दादी ने अपनी बेइज्जती मान कुर्सी खाली करने से साफ़ इंकार कर दिया। उधर कुर्सी मांगने वाले घराती पक्ष के रिश्तेदार ने भी इस बात को अपनी प्रस्टेज का प्रश्न बना लिया और कुर्सी खाली ना करने पर सुसाइड करने की धमकी दे डाली। मामला तूल पकड़ जाने पर घरातियों ने दूल्हे की दादी को दूसरी कुर्सी पर बैठने को मना लिया। और दादी को दूसरी कुर्सी पर बैठा दिया। इसकी जानकारी दूल्हे को मिली तो वह भरी बारात में अपनी दादी को बेइज्जत किये जाने की बात कहते हुए बिफर पड़ा और खुलेआम दुल्हन को अपने घर ले जाकर मार डालने की धमकी देने लगा। इस पर दोनों तरफ से गाली-गलौज शुरू हो गई। दुल्हन ने भी दूल्हे के साथ जाने से साफ़ इंकार कर दिया। मामला खटाई में पड़ते देख घरातियों ने मेरिज होम के मेन गेट पर ताला जड़ दिया और बरातियों को बंधक बना लिया। दुल्हन पक्ष ने दूल्हे पक्ष को बरातियों की आवभगत में हुऐ खर्च सहित पांच लाख रुपए देने की मांग कर डाली। साथ ही तलाक़ भी मांगा क्यों कि निकाह कुबूल हो चुका था।
संभ्रांत लोगों के हस्तक्षेप से मामला दो लाख रुपए हर्जाना और तलाक दिला कर रफा दफा हो गया। तलाक और हर्जाना देकर बरात बिना दुल्हन को लिये बैरंग वापस लौट गई। चर्चा है कि दूल्हे ने अपनी किसी रिश्तेदार की लड़की से दिल्ली पहुंचते ही शादी कर ली। मामला कस्बे में चर्चा का सबब बना हुआ है। हालांकि पुलिस ने घटना की जानकारी से साफ़ इंकार किया है।