नई दिल्ली
बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (बीसीडी) ने तीस हजारी कोर्ट परिसर में हिंसक झड़प में शामिल होने के संदेह में 15 और अधिवक्ताओं के लाइसेंस व नामांकन निलंबित कर दिए हैं। 14 जुलाई को हिंसा के दौरान वकीलों में गोलीबारी भी हुई थी। सभी वकीलों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
बीसीडी ने हाल ही में वायरल हुए हिंसा के वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया था। इसमें वकीलों के दो समूह आपस में भिड़ते, बंदूकों से गोलियां चलाते, पथराव करते और एक-दूसरे पर गालियां देते नजर आ रहे थे। वकीलों के निकाय ने घटना में शामिल वकीलों की पहचान करने के लिए एक समिति का गठन किया था। समिति ने तीस हजारी बार के सदस्यों से बात करने और वीडियो की जांच करने के बाद अपनी अंतरिम रिपोर्ट बीसीडी को भेज दी। इस अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर बीसीडी ने अब 15 अधिवक्ताओं का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इनमें बीसीडी ने वकील विभु त्यागी, विशाल यादव, आकाश खत्री, अमूल्य शर्मा, दीपक अरोड़ा, जितेश खारी, ललित, मोहित शर्मा, राहुल शर्मा, रणदीप सिंह, संदीप सूद, संजय कुमार, सतीश कुमार, शरद शर्मा और शिव राम पांडे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।निलंबित किए गए लोगों को जारी किए गए नोटिस में कहा गया कि समिति की सिफारिशों और रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री पर विचार करने के बाद बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के अध्यक्ष पूरी तरह से संतुष्ट हैं। उन्होंने माना है कि अन्य अधिवक्ताओं के अलावा आप भी हिंसक घटना और पथराव में सक्रिय रूप से शामिल दिख रहे हैं।
निलंबित वकीलों को अपना लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने और 25 अगस्त को शाम चार बजे बीसीडी के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। इससे पहले पांच व छह जुलाई को बीसीडी ने हिंसा में कथित भूमिका के लिए पांच अधिवक्ताओं को निलंबित कर दिया था। इन वकीलों में मनीष शर्मा, ललित शर्मा, अमन सिंह, सचिन सांगवान और रवि गुप्ता आदि शामिल हैं। विवाद में शामिल होने के आरोपी तीन वकीलों को छह जुलाई को दिल्ली की एक अदालत ने चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।