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पीड़ितों का आरोप भरी बरसात में बारा तहसील प्रशासन उजाड़ रहा आशियाना

पीड़ितों की मांग तहसील प्रशासन पहले बसाए फिर उजाड़े

प्रयागराज।यमुनानगर अन्तर्गत बारा तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत सोनवैं के मौजा जोंधी मझियारी का एक मामला न्यायालय तहसीलदार बारा वाद संख्या 160 वर्ष 2015-16 गांव सभा बनाम राममिलन का प्रकाश में आया है। जहां पीड़ित परिवार का आरोप है कि तहसील प्रशासन भरी बरसात में बिना किसी पूर्व सूचना के मंगलवार को उनके घर को उजाड़ने के लिए पुलिस दलबल के साथ दस्तक दी। बहुत मान मनौव्वल करने के बाद रात भर का वक्त देकर बुधवार को जमीन दोज करने की बात कही। जो बहुत ही दुखद और संवेदनशील है। खासकर जब कि हम लोग पहले से ही आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। आगे पीड़ित परिवारों ने कहा कि क्या प्रशासन के पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था है जो गरीब परिवारों को आश्रय प्रदान कर सके। पीड़ित परिवारों ने बताया कि वह पिछले कई वर्षों से यहां झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। यह एक गंभीर मुद्दा है जिसमें तहसील प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठते हैं। अवैध कब्जे के मामले में प्रशासन को पहले नोटिस देना चाहिए और पीड़ित पक्ष को अपना पक्ष रखने का अवसर देना चाहिए। भरी बरसात में बिना नोटिस के बेदखली करना असंवेदनशील और अन्याय पूर्ण है। 2016 में आदेश होने के बाद 9 साल तक कोई कार्यवाही नहीं करना और अचानक बरसात के महीने में बेदखली करना हम पीड़ित परिवारों के लिए बहुत मुश्किल है। पीड़ित परिवारों का कहना है कि पहले प्रशासन हम लोगों को पक्की छत बना कर दे जिससे जान माल की सुरक्षा हो सके। उसके बाद हम लोग कब्जा छोड़ने को तैयार हैं। अगर प्रशासन हम लोगों को बसाने का काम नहीं करेगा तो परिवार सहित जान दे दूंगा मगर झोपड़ी नहीं खाली करूंगा। ऐसे में सवाल उठता है की क्या पीड़ित परिवारों को न्याय मिलेगा और प्रशासन उनकी समस्याओं का समाधान करेगा।

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