
गाजीपुर। सरकारी नौकरी की हसरत में हद पार कर दी गई! गाजीपुर के एक युवक ने भारतीय नौसेना में भर्ती होने के लिए ऐसा दुस्साहस किया, जो न केवल गैरकानूनी था बल्कि पूरी व्यवस्था को चुनौती देने जैसा था। करंडा थाना क्षेत्र के सीतापट्टी गांव निवासी आदित्य सिंह ने पुलिस विभाग का फर्जी चरित्र प्रमाण पत्र तैयार कर उसमें पुलिस अधीक्षक की नकली मुहर और जाली हस्ताक्षर जोड़ दिए। इसके बाद इस फर्जी दस्तावेज को नौसेना अधिकारियों के सामने आत्मविश्वास से पेश कर दिया।
लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। भारतीय नौसेना चिल्का की जनसम्पर्क अधिकारी (पीआरओ) नम्रता पंत को दस्तावेजों की सत्यता पर शक हुआ और उन्होंने 17 अप्रैल को गाजीपुर पुलिस को ईमेल भेजकर प्रमाण पत्र की जांच कराई। जिला पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए जब प्रमाण-पत्र का सत्यापन किया, तो सारा फर्जीवाड़ा सामने आ गया।
जांच में साफ हुआ कि वह प्रमाण पत्र किसी भी अधिकृत कार्यालय से जारी नहीं हुआ था। उसमें लगी मुहर और हस्ताक्षर पूरी तरह जाली थे। यही नहीं, आरोपी आदित्य सिंह के खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज है, जिसे छुपाने के लिए उसने यह पूरा प्रपंच रचा। इस पर शहर कोतवाली में चरित्र सत्यापन शाखा के लिपिक जग नारायण की तहरीर पर एक मई को एफआईआर दर्ज कराई गई। पुलिस ने मामले में तेजी दिखाते हुए सात मई को आदित्य सिंह को लंका बस स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार युवक पर विधिक कार्यवाही जारी है। गिरफ्तारी करने वाली टीम में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक दीन दयाल पाण्डेय और उनकी टीम शामिल रही।