बच्चों को सनातन परंपरा से जोड़ रही वकुला
विवेक सिंह
वाराणसी।8 जनवरी धर्म नगरी काशी के मणिकर्णिका का डोम समाज (चौधरी परिवार) से जुड़े किशोर और किशोरियां कंठस्थ चौपाइयों के साथ राम आराधना में जुटी हैं।
लोक जीवन के आवागमन से मुक्ति का महात्म्य धारण करने वाले मणिकर्णिका तीर्थ पर इन दिनों देवाधिदेव महादेव के तारक मंत्र रमे रामे मनोरमे के साथ ही रामचरित मानस तक की चौपाइयां गूंज रही हैं। आंध्र प्रदेश के गुंटूर की मूल निवासी और एक दशक से काशी में प्रवास कर रहीं वकुला परितला डोम समाज के बच्चों को सनातन परंपरा से जोड़ रही हैं।
बच्चों को कर्मकांड के साथ ही भगवान राम और भक्त हनुमान पर आधारित काव्यों को कंठस्थ करा रही हैं। उनके इस अभियान में समाज की बच्चियां बढ़कर कर हिस्सा ले रही हैं। 20 से ज्यादा किशोरियां उनसे पूजा और वैदिक अनुष्ठान सीख रही हैं।
डोम बस्ती के 30 बच्चे उनकी संगत में हैं और 16 बच्चे अब मुक्त कंठ से प्रभु श्रीराम के बाल रामायण, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं। इन्हीं बच्चों के दो समूह 22 जनवरी को रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के दौरान मणिकर्णिका घाट से ललिता घाट आराधना करेंगे। इसके बाद काशी विश्वनाथ धाम में देवाधिदेव महादेव के समक्ष भगवान राम की स्तुति करेंगे।
चैत्र नवरात्रि से हर शनिवार मंदिर में करते हैं पाठ
मणिकर्णिका पर अंतिम संस्कार के अनुष्ठान पूरे करने वाले परिवारों की बच्चियों ने भगवान राम से जुड़े मंत्र और चौपाइयों को सीखने के बाद अपने मुहल्ले में भी बदलाव की अलख जगाई है। इनके मुहल्ले में स्थित फुलमती माई के मंदिर में बीते चैत्र नवरात्र से हर शनिवार हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और बाल रामायण के श्लोक का पाठ अनवरत जारी है। बच्चों की इस पहल पर अब परिवार भी इसमें जुटने लगा है।
बालिका शिक्षा के साथ वकुला ने दिया सनातन संस्कार
वकुला परितला बतातीं हैं कि वे तेलुगु से अंग्रेजी अनुवाद का काम करती हैं। 10 वर्ष पहले काशी में आकर बस गईं। घाट पर ही किराये के मकान में ट्रांसलेशन के काम के दौरान डोम समाज की बच्चियों को शिक्षित करने का अभियान शुरू किया।
इसी बीच प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का शिलान्यास हुआ तो इन बच्चियों और बच्चों को रामायण, रामचरित मानस, हनुमान चालीसा सहित अन्य श्लोक को कंठस्थ करने का क्रम शुरू कराया। अब 16 बच्चों का एक दल कंठस्थ श्लोक व चौपाइयों के साथ हर दिन प्रभु श्रीराम की आराधना करता है। हमने 22 जनवरी के लिए विशेष तैयारी की है और इन बच्चियों के साथ प्राण प्रतिष्ठा के दौरान घाट और काशी विश्वनाथ मंदिर में अनुष्ठान होगा।
हर शनिवार को फुलमती माई के मंदिर पर हनुमान चालीसा, बाल रामायण और वाल्मीकि रामायण के श्लोक का पाठ करते हैं। इसमें परिवार के लोग भी शामिल होते हैं। 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान वकुला माता के साथ घाट और काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान राम की आराधना करेंगे।