November 28, 2024
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बुलंदशहर/ सोमवार को प्रात:काल 7बजे से 9 बजे तक श्रीराम कथा संत मोहन बाबा की तप स्थली पर निर्मित श्री विष्णु चैतन्य वृध्दाश्रम के गायत्री सत्संग भवन में श्रीराम के परम भक्त भरत जी का चरित्र सुनाते हुए कथा वाचक अशोक कुमार गर्ग युग प्रहरी ने कहा कि चित्रकूट में भगवान श्रीराम लक्ष्मण और सीता सहित अपनी पर्णकुटी में इस प्रकार सुशोभित हो रहे़ हैं जैसे भक्ति, ज्ञान और वैराग्य शरीर धारण कर विराजमान हों। भरत जी अपने अन्त:करण में भगवान श्रीराम की छवि को धारण किये हुये और सिर पर श्रीराम की चरण पादुकाएं धारण किये हुये गुरुदेव वशिष्ठ, तीनों माताओं, राजा जनक सुनयना तथा अयोध्या वासियों सहित अयोध्या आ गये। भरत जी ने गुरू वशिष्ठ की आज्ञानुसार प्रभु राम की पादुकाओं को निर्विघ्न पूर्वक सिहांसन पर विराजमान कराया। धर्म की धुरी धारण करने वाले धर्म रक्षक भरत ने नंदिगांव में पर्णकुटी बनाई और उसमें निवास किया। सिर पर जटा जूट और शरीर पर बल्कल धारण कर कुश की आसनी बिछाई और ऋर्षियों की तरह अनुष्ठान शुभारम्भ कर दिया। भूषण बसन भोग सुख भूरी। मन तन बचन बजे तिन तूरी। गहने,कीमती कपड़े और अनेक प्रकार के भोग सुखों को त्याग कर तपस्वी जीवन जी रहे हैं। जिस अयोध्या के राज्य को देखकर इंद्र भी सिहाते हैं। महाराजा दशरथ के धन को जानकर कुबेर भी लज्जा करते हैं। वर्तमान में भरत का चरित्र हम सभी के लिये अनुकरणीय है। भजन कीर्तन और आरती जयघोष से मोहन कुटी आश्रम गुंजायमान हो गया सभी साधकों को प्रसाद वितरण किया गया।

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