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वुडवर्ड पब्लिक स्कूल में उत्साह व गरिमामय वातावरण में मनाया गया शिक्षक दिवस

स्कूल में बच्चों द्वारा एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगो का मन मोह लिया

भदोही। नगर के सिविल लाइन, पावर हाउस रोड स्थित वुडवर्ड पब्लिक स्कूल में शिक्षक दिवस बड़े ही उत्साह और गरिमामय वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय प्रांगण को आकर्षक रूप से सजाया गया था और समस्त शिक्षक–शिक्षिकाओं के प्रति कृतज्ञता एवं आदर प्रकट करने के उद्देश्य से विविधतापूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विद्यालय के विद्यार्थियों ने अविस्मरणीय बनाने हेतु शिक्षकों को समर्पित रंगारंग प्रस्तुतियाँ दीं। विद्यालय प्रबंधन की ओर से यह सुनिश्चित किया गया कि इस बार शिक्षक दिवस का आयोजन मात्र औपचारिकता न होकर शिक्षा और संस्कृति का एक अद्वितीय संगम बने। छात्र-छात्राओं ने पाठ्यक्रम की विविध विषयवस्तुओं को रंगमंचीय कला के माध्यम से प्रस्तुत किया। उनके अभिनय ने न केवल दर्शकों का मन मोह लिया, बल्कि इस बात को भी सिद्ध किया कि जब शिक्षा को रंगमंच से जोड़ा जाता है, तो अध्यापन और अधिगम की प्रक्रिया और भी जीवंत, सरल तथा प्रभावशाली बन जाती है। रंगमंचीय प्रस्तुतियों में इतिहास, साहित्य, विज्ञान और सामाजिक विषयों को विशेष रूप से शामिल किया गया। इन नाट्य प्रस्तुतियों से यह स्पष्ट हुआ कि ज्ञान केवल पुस्तकों तक सीमित न रहकर जब अभिनय और प्रस्तुति का रूप लेता है, तो वह विद्यार्थियों के मस्तिष्क और हृदय पर गहरी छाप छोड़ता है। यह भी रेखांकित किया गया कि रंगमंचीय अभिनय विद्यार्थियों के मानसिक, शारीरिक, सांस्कृतिक और दार्शनिक विकास में अभूतपूर्व योगदान देता है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में विद्यार्थियों ने भावनात्मक नाटक, मधुर संगीत, सुमधुर गीत, मनमोहक नृत्य और समूहगान प्रस्तुत किए। विद्यालय के जूनियर और सीनियर दोनों ही वर्गों के विद्यार्थियों ने शिक्षकों के सम्मान में अपनी-अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। पूरे सभागार में तालियों की गड़गड़ाहट और उत्साहजनक वातावरण उपस्थित शिक्षकों के प्रति छात्रों की गहरी श्रद्धा का प्रतीक था। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधक पुनीत मेहरा ने समस्त शिक्षकों और विद्यार्थियों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं और उनकी भूमिका केवल ज्ञान देने तक सीमित नहीं है, बल्कि वे बच्चों के व्यक्तित्व को आकार देने का कार्य भी करते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें आगे भी शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक और रंगमंचीय गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी करने के लिए प्रेरित किया। प्रधानाचार्या शालिनी मेहरा ने सभी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि शिक्षा की वास्तविक सफलता तभी होती है, जब विद्यार्थी केवल पाठ्यक्रम की जानकारी तक सीमित न रहकर उसे हृदयंगम कर सकें। सामान्यत: छात्रों को किसी भी पाठ को समझने के साथ-साथ उसे कंठस्थ करने में कठिनाई होती है, लेकिन जब वही पाठ नाटकीय शैली में प्रस्तुत किया जाता है, तो वह सहज, सरल और आनंददायक हो जाता है। रंगमंचीय विधि न केवल विद्यार्थियों की एकाग्रता बढ़ाती है, बल्कि उनमें आत्मविश्वास, कौशल और रचनात्मकता का भी विकास करती है। कार्यक्रम ने सभी को यह अनुभव कराया कि जब शिक्षक और विद्यार्थी मिलकर शिक्षा को एक उत्सव का रूप देते हैं, तो वह समाज और राष्ट्र के लिए प्रेरणादायक बन जाता है।

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