वाराणसी/-वाराणसी में किन्नर महामंडलेश्वर हिमांशी सखी के खिलाफ किन्नरों ने प्रदर्शन किया और हाय हाय के नारे लगाए।हिमांशी सखी पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने उतरी हैं।इसी को लेकर किन्नर समुदाय विरोध जता रहा है।बड़ी संख्या में किन्नर गुरुवार को वाराणसी जिला मुख्यालय पहुंचे और अपनी नाराजगी जताई।किन्नरों ने गुरुवार को कलक्ट्रेट पहुंचकर हिमांगी सखी के खिलाफ नारेबाजी की।इसके बाद जिलाधिकारी एस राजलिंगम को ज्ञापन सौंपा।हिमांगी को वाराणसी से चले जाने और पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव न लड़ने की अपील की। किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के आह्वान पर किन्नर समुदाय ने यह आवाज उठाया।प्रदर्शन करने उतरे किन्नरों के हाथ में विरोध के पोस्टर थे और हिमांशी सखी के खिलाफ हाय हायर नारे लगा रहे थे।इसके अलावा पोस्टर पर हिमांगी नहीं ढोंगी लिखा था,जिसे लेकर एक घंटे तक किन्नर समुदाय ने प्रदर्शन किया।इसके बाद लोगों से मिलकर विरोध में शामिल होने की अपील की,इस दौरान किन्नर समुदाय के दर्जनों लोग मौजूद रहे।सलमा किन्नर ने कहा कि हिमांगी सखी नमक किन्नर जो दूसरे प्रदेश की है,वह वाराणसी में आकर गंगा जमुनी तहज़ीब को बिगड़ने का प्रयास कर रही है और हिंदू मुस्लिम संबंधित आपत्तिजनक बातें कर जनता को भ्रमित कर रही है।सलमा किन्नर सहित दर्जनों किन्नरो ने आरोप लगाया की हिमांगी अपने आप को किन्नर समाज का महामंडलेश्वर बताती है जबकि उसके पास महामंडलेश्वर होने का कोई भी साक्ष्य नहीं है।हिमांगी द्वारा आपत्तिजनक बातों से अपने आप को सोशल मीडिया में बने रहने का प्रयास किया जा रहा है और आपत्तिजनक तथा भड़काऊ पोस्ट सोशल मीडिया के माध्यम से पोस्ट कर सुर्खियां बटोरने का काम कर रही है,सलमा किन्नर ने बताया की हिमांगी सखी को अपने आप को महामंडलेश्वर बताना पूर्ण रूप से गलत है क्योंकि हमारे आचार्य डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी किन्नर अखाड़ा की प्रथम महामंडलेश्वर हैं।अप्रैल के पहले सप्ताह में अखिल भारत हिंदू महासभा ने हिमांगी सखी को वाराणसी लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाने की घोषणा की थी।इसके साथ ही बीस अन्य सीटों पर भी प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया गया था।वाराणसी लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद हिमांगी सखी वाराणसी पहुंची थीं।उन्होंने श्रीकाशी विश्वनाथ जी के दर्शन के बाद चुनावी शंखनाद किया था।उन्होंने कहा था कि अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने उनको प्रत्याशी घोषित किया है। मैं किन्नर समाज के लिए आगे आई हूं,क्योंकि हमारा भी देश में अधिकार बनता है।पूरे लोकसभा में हमें कहीं भी एक भी सीट नहीं दी गई।इस लिए किन्नर समाज के लिए लड़ाई को लेकर मैं बनारस से चुनाव लड़ने जा रही हूं।मेरा किसी से कोई विवाद नहीं है। मैं अपने समाज के लोगों के हित के लिए इस मैदान में आई हूं ताकि हमें भी हमारा हक मिल सके। उन्होंने कहा था कि प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से कई लोग हमारे ऊपर दबाव बना रहे हैं।अभी दो दिन पहले ही अखिल भारत हिंदू महासभा ने अपने प्रत्याशी का नाम वापस ले लिया था।जिसके बाद हिमांगी सखी ने पीएम मोदी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणी की थी और कहा था कि वो हर हाल में चुनाव लड़ेंगी और नामांकन कर प्रचार में उतरेंगी।हिमांशी के निर्दल चुनाव लड़ने को लेकर किन्नर समुदाय ने अब दो फाड़ हो गया है और महामंडलेश्वर के खिलाफ नारेबाजी कर रहा है।हिमांगी सखी किन्नर महामंडलेश्वर हैं।वह पाँच भाषाओं में भागवत कथा सुनाने के लिए मशहूर हैं।वह पंजाबी,गुजराती,हिंदी,अंग्रेजी और मराठी आदि भाषाओं में भागवत कथा सुनाती हैं। हिमांगी सखी भारत के अलावा बैंकाक,सिंगापुर और मॉरिशस आदि जगह पर भागवत कथा सुना चुकी हैं।महामंडलेश्वर हिमांगी सखी भगवान कृष्ण को अपना आराध्य मानती हैं। मुंबई के बाद उनका लंबा समय वृंदावन में बीता।हिमांगी सखी को महामंडलेश्वर की उपाधि 2019 में दी गई थी।यह उपाधि उन्हें नेपाल के पशुपतिनाथ पीठ के द्वारा दी गई थी।प्रयागराज में हुए कुंभ के दौरान आचार्य महामंडलेश्वर गौरी शंकर महाराज ने उन्हें यह उपाधि दी थी।