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महिलाओं को स्वावलम्बन की राह दिखा रहीं परसाखरगमन की शकुन्तला

स्वयं सहायता समूह से जुड़कर आत्मनिर्भर बनने की प्रेरक कहानी

बहराइच। बहराइच जिले के रिसिया विकास खण्ड की एक ग्राम पंचायत है परसाखरगमन जिसमें गठित डॉ. भीमराव अम्बेडकर महिला स्वयं सहायता समूह में शकुन्तला देवी पत्नी तीरथराम, आयु लगभग 34 वर्ष, अनुसूचित जाति की इण्टरमीडिएट उत्तीर्ण महिला ने समूह में जुड़ने के बाद समूह से रू. 50,000 की धनराशि ऋण लेकर दरी बनाने का कार्य प्रारम्भ किया। जहाँ इस महिला ने जिन्दगी की तमाम बाधा को पार करते हुए अपने घर की आर्थिक हालात को बदल डाला और अपनी एक नयी सामाजिक पहचान बनाई। इस महिला का नाम शकुन्तला देवी है और इनकी पहचान समूह की एक सक्रिय महिला के रुप में होती है।  शकुन्तला ने उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अन्तर्गत राज्य के कई ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को संगठित कर उनके आर्थिक एवं सामाजिक जीवन में उल्लेखनीय बदलाव लाने में सफलता प्राप्त की है।
परेशानी का धैर्य से किया सामनाः खेती बारी कम होने के कारण एवं गाँव में कोई रोजी-रोजगार न होने के कारण श्रीमती शकुन्तला देवी को हमेशा आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ता था। बच्चों के लिए भोजन की एवं स्कूल की व्यवस्था करना मुश्किल था। तभी आजीविका मिशन द्वारा 2019 में गाँव में समूह बनाये जाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा था जिसमें  शकुन्तला देवी ने सक्रिय भूमिका निभाई उन्होने न स्वयं वल्कि अपने आस पास की गरीब महिलाओं को समूह से जोडा।
समूह से ऋण लेकर प्रारम्भ किया दरी बनाने का कार्य
सशक्तीकरण का उदाहरण पेश करने वाली श्रीमती शकुन्तला देवी के चेहरे पर आज मुस्कान है। आज सफल गृहणी होने के साथ साथ सफल व्यवसायी भी है। स्वरोजगार की तरफ इनका रूझन 2024 में प्रारम्भ हुआ तब इन्होने अपने स्वयं सहायता समूह से ऋण लेकर इन्होने दरी बनाने की मशीन व इसमे उपयोग होने वाली समाग्री खरीदकर दरी बनाने का कार्य प्रारम्भ किया गया जिसकी बिक्री वर्तमान में आपने विकासखण्ड व जनपद स्तर पर स्टॉल लगाकर कर रही है।
आत्म विश्वास ने बदले दिन हुई आत्मनिर्भर
शकुन्तला देवी आज खुश है। गाँव में उनकी एक अलग पहचान है। दरी के कार्य से उनको प्रतिमाह रू. 10 से 12 हज़ार की आमदनी हो जाती है जिससे वो अपने परिवार का पालन पोषण अच्छे ढंग से कर पा रही है। श्रीमती शकुन्तला देवी उ.प्र. राज्य आजीविका मिशन को उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए धन्यवाद कहना नहीं भूलती। सम्पूर्णता अभियान अन्तर्गत आडिटोरियम परिसर में आयोजित आकांक्षा हाट में श्रीमती शकुन्तला के स्टाल पर समूह द्वारा तैयार की गई दरी लोगों का आकर्षित कर रही है।

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