November 24, 2024
चित्र संख्या 003

जरवल/बहराइच। कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी करन भूषण सिंह को 571263 मिले जिसमे 148843 से सपा के प्रत्याशी भगत राम मिश्रा को पराजित कर दिया भगत राम मिश्रा पराजित कर कुल 422420 मतों से ही संतोष करना पड़ा।अब इस जीत हार पर भी एक नजर डालते है तो भाजपा के कोर वोटो पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भगत राम मिश्रा ने सेंध मारी तो कर ही नही पाए अलबत्ता अपने ही चक्रव्यूह मे जरूर फंस गए जब कि कैसरगंज लोकसभा सीट ब्राह्मण बाहुल्य मानी जाती है।दूसरा सवाल दिखावे मे सपा इस सीट पर जरूर मजबूत दिख रही थी लेकिन इनके कुछ तथाकथित सपाई नेताओ ने श्री मिश्रा को भनक तक न लगने दिए और उनकी लुटिया डुबोने मे कोई कसर नहीं छोड़ी दूसरी तरफ भाजपा का कोर वोटर भी श्री मिश्रा से सरक गया जिसमे ज्यादातर ब्राह्मणों ने भी गुपचुप तरीके से केसरिया रंग मे अपने को रंग लिया।जिसकी वजह भी साफ दिखाई दे रहा है।जिसमे भाजपा सांसद करन भूषण सिंह के पिताश्री पूर्व सांसद बृज भूषण शरण सिंह का चाणक्य दिमाग बताया जा रहा है गलत भी नहीं है।वैसे सच पूंछो तो कैसरगंज लोकसभा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह का जो भाजपा संघटन से अलग जो ग्रुप गुरुओं का था उसने इस चुनाव मे कम अहम भूमिका नही निभाई जिससे इस हाट सीट पर कब कैसे कमल खिल गया उसकी भी भनक किसी को नहीं लगी जिसको लोग अंतिम समय तक भाप ही नही पाए।
(बाक्स)
‘दबदबा था है और रहेगा भी’
जरवल।तीन बार कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद रह चुके बृजभूषण शरण सिंह का दबदबा था है और रहेगा भी का चुनाव भर वायरल रहा वीडियो पर आखिर कार श्री सिंह ने फिर अपनी दावेदारी ठोक ही दी।वैसे जो भी हो श्री सिंह हमेशा इस चुनाव मे पूरी तरह बेटे करन भूषण की जीत पर पूरी तरह मुतमैन दिखाई दिए न तो उनको किसी के विरोध का डर सता रहा था। न राजनिति के धुरंधर पंडितो का सब कुछ वो अपने हिसाब से खेल करते रहे जिसकी भनक किसी को नही लग पाई।

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