
गाजीपुर – जिला पंचायत कार्यालय सभागार, गाजीपुर में आज ग्रामीण विकास संस्थान द्वारा आयोजित “प्रतिभा सम्मान समारोह” ने जिले में शिक्षा, सशक्तिकरण और सामाजिक जागरूकता की एक प्रेरणादायक मिसाल पेश की। इस भव्य आयोजन में जिले के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी, गणमान्य अतिथि और सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गौरवान्वित कर दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ परियोजना निदेशक श्री राजेश यादव (P.D.) द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर डिप्टी डी.डी.ओ. श्री सुभाष चंद्र सरोज, जिला प्रोबेशन अधिकारी श्री संजय कुमार, और वन स्टॉप सेंटर की मैनेजर श्रीमती प्रियंका विशेष रूप से उपस्थित रहीं।
संस्था की असिस्टेंट डायरेक्टर फरहीन अब्बासी जी ने ग्रामीण विकास संस्थान द्वारा किए जा रहे कार्यों पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए बताया कि संस्था वर्तमान में आठ जिलों में सक्रिय है। उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा चलाए जा रहे “हमारी बेटियां – हमारा गौरव” कार्यक्रम के अंतर्गत विकासखंड बारा, चवर, मनिहारी (गाजीपुर) तथा मऊ जनपद के रतनपुरा ब्लॉक में किशोरियों के शिक्षा, कौशल विकास और सशक्तिकरण पर विशेष कार्य किया जा रहा है।
शिक्षा से आत्मनिर्भरता की ओर कार्यक्रम में बताया गया कि ड्रॉपआउट किशोरियों को पुनः शिक्षा से जोड़ने के लिए उन्हें प्रेरित किया जा रहा है। अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय में स्कॉलरशिप के माध्यम से कई किशोरियों का चयन हुआ है, जिन्हें ₹30,000 प्रति वर्ष की छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है, जो उच्च शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सम्मान के क्षण – प्रेरणा की कहानियाँ इस समारोह में विकासखंड बारा, चवर, कासिमाबाद, मनिहारी तथा रतनपुरा की उन किशोरियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इसके साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम के अंतर्गत नौकरी प्राप्त कर आत्मनिर्भर बनीं किशोरियों को भी मंच से सम्मानित किया गया।
प्रशासनिक अधिकारियों के प्रेरणादायक विचार परियोजना निदेशक श्री राजेश यादव ने संस्था की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए कहा, “लड़कियों की शिक्षा से ही समाज का सशक्तिकरण संभव है। मोबाइल से दूरी और पढ़ाई से नज़दीकी ही उन्हें उज्ज्वल भविष्य दे सकती है।”
डीडीओ श्री सुभाष चंद्र सरोज ने कहा, “संस्था द्वारा किया जा रहा कार्य अनुकरणीय है। बेटियों को शिक्षित करना, समाज को शिक्षित करने जैसा है। अभिभावकों को चाहिए कि वे बेटियों की पढ़ाई को प्राथमिकता दें।”
वन स्टॉप सेंटर मैनेजर श्रीमती प्रियंका ने महिला सुरक्षा एवं सरकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए महिलाओं और किशोरियों को मोबाइल सुरक्षा ऐप का उपयोग करने की सलाह दी और आत्मनिर्भरता का संदेश दिया।
संस्था की उपलब्धियों पर प्रकाश कार्यक्रम प्रबंधक श्रीमती अर्शी फातिमा ने संस्था की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि कई किशोरियों ने संस्था के सहयोग से न केवल शिक्षा पाई, बल्कि आत्मनिर्भर होकर समाज में मिसाल कायम की है।
इस अवसर पर संस्था से जुड़ी कई किशोरी लीडर्स ने अपने अनुभव साझा किए, जिन्हें उपस्थित अधिकारियों द्वारा मंच पर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. संतोष कुमार त्रिपाठी द्वारा किया गया, जबकि संस्था के प्रमुख शमीम अब्बासी ने समापन भाषण में सभी आगंतुकों, अधिकारियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
यह आयोजन न केवल सम्मान का प्रतीक बना बल्कि यह संदेश भी दिया कि यदि सही दिशा में प्रयास किए जाएं, तो ग्रामीण भारत की बेटियाँ भी शिखर तक पहुँच सकती हैं।