भगवान श्रीराम की नगरी में मानसून की पहली बारिश ने विकास के तमाम दावों की पोल खोल कर रख दिया। जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही का खामियाजा रामभक्त और स्थानीय लोग भुगत रहे हैं। कुछ ही देर की बरसात में पूरी राम नगरी जल मग्न हो गयी। रामपथ मुख्यमार्ग और जन्मभूमि मार्ग की सड़कें जगह जगह धस गयी और जल मग्न हो गई है। इसके साथ ही रामजन्मभूमि से सटी कालोनी के घरों में कमर तक पानी भर गया है। कालोनी में रह रहे लोगो का घरों में रखा सामान पानी में डूब गया है। झूठी वाहवाही लूटने वाले अधिकारियों ने राम भक्तों के साथ साथ स्थानीय लोगो को मुशीबतें बढ़ा दिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हजारों करोड़ रुपये खर्च कर रामनगरी को विश्व के मानचित्र पर स्थापित करने का सपना देखा था। उसके लिए मुख्यमंत्री ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। शायद यही वजह रही कि विकास के लिए सबसे ज्यादा प्रयास और बजट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहाँ पर खर्च किया है। मुख्यमंत्री के इस सपनों पर उनके मातहतों ने पलीता लगाने में कसर नही छोड़ी। लेकिन हल्की सी बारिश ने सभी विकास के दावों की पोल खोल कर रख दिया। इतना ही नहीं रामजन्मभूमि मार्ग पर कमर बराबर पानी भर गया है। और गन्दी नाली के पानी के साथ बह रहा है। इसकी वजह से राम भक्तों को उसी गन्दे पानी से होकर रामलला का दर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसके साथ ही रामजन्मभूमि से सटे श्रीराम अस्पताल में भी नाली का गंदा पानी भर गया है। हालत यह है कि पैदल भी नही जाया जा सकता है। रामजन्मभूमि से मात्र 2 सौ मीटर की दूरी पर स्थापित जलवानपुरा कालोनी में दर्जनों परिवारों के घरों में पानी घुस गया है। जिससे लोगो का लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। इस बाबत जिम्मेदार कुछ बोलने से कतरा रहे हैं।