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गोरखपुर में पकड़ा गया केमिकल मिला लाल आलू* 

*महेवा मंडी में खाद सुरक्षा विभाग की  टीम ने छापा मारा, 500 क्विंटल माल जप्त* 

गोरखपुर में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने आलू मंडी में छापा मारा और दो ट्रक आलू जब्त कर लिया। यह आलू तमिलनाडु के वेल्लौर और उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद से मंगाया गया था। टीम ने ट्रकों पर लदे आलू की जांच की तो उसमें केमिकल मिला पाया गया। टीम ने दोनों ट्रकों के माल को जब्त कर लिया है।
दोनों ट्रकों पर मिलाकर 500 क्विंटल से अधिक लाल आलू लदा था। टीम ने वहां से सैंपल लिया है। उसे जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। तब तक आलू सीज रहेगा। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट में केमिकल मिलाने की पुष्टि हुई तो आलू को नष्ट करा दिया जाएगा। रविवार को यह कार्रवाई महेवा की आलू मंडी में हुई।
नया आलू आने से पहले केमिकल लगे आलू की खपत
इस कार्रवाई से यह बात सामने आई कि इन दिनों बाजार में स्वास्थ्य के लिए खतरनाक आलू बिक रहा है। नया आलू आने से पहले ही खतरनाक केमिकल मिलाकर आलू को लाल और चमकदार बनाया जा रहा है। यह देखने में बिल्कुल नया लग रहा है। लोग नया समझ कर ही महंगी कीमत पर इसे खरीद रहे हैं।
टीम को देखकर भागे आलू लदे ट्रक के ड्राइवर खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा डॉ. सुधीर कुमार सिंह के नेतृत्व में मंडी पहुंची।
टीम के पहुंचते ही मंडी के व्यापारियों में अफरा-तफरी रही। कुछ ट्रकों के ड्राइवर ट्रक खड़ी कर फरार हो गए।
उन्हें मंगाने वाले व्यापारी भी वहां से चले गए। जिनके माल पकड़े गए हैं, उन्होंने एक मौका मांगा लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पहले ही सचेत किया जा चुका है।
हर ठेले पर नजर आते हैं लाल आलू
गोरखपुर के हर बाजार में लगने वाले सब्जी के हर ठेले पर यह लाल आलू नजर आ जाएगा। सामान्य आलू से यह 10 से 15 रुपये प्रति किलो तक महंगा होता है। दुकानदार इसे ताजा और बढ़िया आलू कहकर बेचते है। यह आलू काफी खतरनाक होता है। पकाने के लिलए जब इसे छिला जाता है तो इससे आंखों में जलन हो सकती है। पिछले करीब 6 महीने से ऐसे आलू बाजार में आ रहे हैं।
कानपुर, उन्नाव, बाराबंकी, कन्नौज के कोल्ड स्टोरेज से ला रहे
सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा डॉ. सुधीर कुमार सिंह का कहना है कि कानपुर, उन्नाव, बाराबंकी व कन्नौज के कोल्ड स्टोरेज से यह आलू गोरखपुर की मंडी में आ रहा है। कोल्ड स्टोरेज से आलू निकालने के बाद उसे केमिकल में रंगा जाता है। उसके बाद अलग-अलग जिलों के बाजार में भेज दिया जाता है। गोरखपुर में बड़ी सब्जी मंडी है, इसलिए यहां बड़ी मात्रा में आलू आ रहा है। ऑनलाइन मंगाने पर भी यही आलू सप्लाई किया जा रहा है।
जानिए क्या होता है फेरिक ऑक्साइड
फेरिक ऑक्साइड या आयरन आक्साइड (Fe2O3, Fe3O4) का प्रयोग अमूमन पेंट, सिरेमिक और कॉस्मेटिक्स में होता है। आलू या किसी भी ताज़ी सब्ज़ी पर कोटिंग के रूप में इसका प्रयोग अनुमन्य नहीं है। आयरन ऑक्साइड से लेपित आलू खाने पर शरीर में धातु जा सकती है, जिससे पेट की गड़बड़ी, उल्टी, मितली हो सकती है।
कुछ संवेदनशील व्यक्तियों में आयरन की अधिकता भी हो सकती है। लंबे समय तक सेवन करने से लीवर, गुर्दे और पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ सकता है। सब्ज़ियों पर आयरन ऑक्साइड या अन्य कृत्रिम रंगों का प्रयोग खाद्य मिलावट माना जाता है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम (FSSAI, भारत) व अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार यह प्रतिबंधित है। कई बार ऐसे रंगों का प्रयोग पुराने आलुओं को ताज़ा और चमकीला (लाल या पीला) दिखाने के लिए किया जाता है। यह रंग आलू के छिलके से भीतर तक पहुंच सकता है। नियमित सेवन पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
जिले की छोटी मंडियों में भी आता है आलू
थोक मंडी के व्यापारियों ने बताया कि इस तरह के आलू पिपराइच, सोनबरसा, चौरी चौरा, सहजनवा आदि मंडियों में भी आते हैं। छोटे व्यापारी वहां से यह आलू ले जाते हैं। उन मंडियों में भी कार्रवाई करनी होगी। इधर कुछ व्यापारियों ने पल्लेदारों को इस आलू की ढुलाई से स्किन से जुड़ी समस्या होने की शिकायत भी की थी।
खाद्य सुरक्षा विभाग ने की थी प्रारंभिक जांच
खाद्य सुरक्षा विभाग ने इसकी प्रारंभिक जांच की थी। पानी में आलू डालते ही पानी का रंग लाल हो गया था। इसका सैंपल जांच के लिए भेज दिया गया था। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम मंडी भी गई थी। मंडी सचिव के साथ मिलकर थोक व्यापारियों से बात की गई थी। उन्हें यह आलू न मंगवाने के लिए जागरूक किया गया था। कुछ दिन तक आवक कम रही, लेकिन फिर बढ़ गई।
जानिए क्या कहते हैं खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि लोग बाजार में बिकने वाले लाल आलू का सेवन करने से बचें। इसमें पेंट में मिलाया जाने वाला केमिकल मिलाया जा रहा है। स्वास्थ्य के लिए यह हानिकारक है। उन्होंने कहा कि हमें सूचना मिली थी कि केमिकल से रंगा हुआ आलू मंगाया गया है। इस सूचना पर मंडी में रविवार को छापा मारा गया। इसके बाद कार्रवाई की गई है। आलू का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। तब तक आलू सीज रहेगा। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
अब जानिए कितना खतरनाक है यह आलू
बाजार में इस समय चटख लाल आलू खूब नजर आ रहे हैं। सब्जी विक्रेता से पूछेंगे तो वह बताएगा कि ऐसे ही आलू आ रहे हैं और बहुत अच्छे हैं। कीमत भी सामान्य आलू से अधिक है। इसे नया आलू बताया जा रहा है। हालांकि यह लाल रंग बल्कि केमिकल से रंगा गया है। वह केमिकल जिसका उपयोग पेंट में किया जाता है। छिलका उतारने पर भी यह सुरक्षित नहीं है। क्योंकि इसमें बने छोटे छिद्रों से केमिकल आलू के अंदर पहुंच जाता है।
बलिया में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने इस मामले में जांच की थी। टीम की ओर से भेजे गए सैंपल में आलू में मिलावट पाई गई थी। इसमें आयरन आक्साइड या फेरिक ऑक्साइड मिलाने की पुष्टि हुई है। उसके बाद गोरखपुर में भी जांच की जा रही है। इसके लगातार इस्तेमाल से किडनी व लीवर भी फेल हो सकता है।

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