Ration should be distributed among the poor under the supervision of officials: Danish Siddiqui Rumi
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अधिकारियों की निगरानी में वितरित हो कोटे से गरीबों में राशन: दानिश सिद्दीकी रूमी

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अधिकारियों की निगरानी में वितरित हो कोटे से गरीबों में राशन: दानिश सिद्दीकी रूमी
राशनकार्ड धारकों को कोटेदारों द्वारा यूनिट से कम वितरित किया जा रहा है सामाग्री
आफताब अंसारी
भदोही। समाजवादी पार्टी के नेता व पूर्व सभासद दानिश सिद्दिकी ने कहा कि नगर में सरकारी राशन वितरण की प्रणाली ठीक नहीं है। शासन से यूनिट के हिसाब से राशनकार्ड धारकों को सामाग्री वितरित करने के लिए आता है। लेकिन कोटेदारों द्वारा यूनिट के हिसाब से राशन का वितरण नहीं किया जाता।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बहुत से तो ऐसे कोटेदार है जो राशनकार्ड धारकों के अंगुठे का निशान तो ले लेते हैं। लेकिन उनको राशन ही नहीं दिया जाता। अंगुठे का निशान लेने के बाद सरकारी सस्ते गल्ले के दुकानदार गायब हो जाते हैं। श्री सिद्दिकी ने कहा कि सरकार द्वारा प्रति यूनिट 5 किलो राशन देने की व्यवस्था की गई है। लेकिन किसी भी कोटेदार द्वारा शासन के मंशानुरूप राशन का वितरण नहीं किया जा रहा है। कोटेदारों का गरीब राशनकार्ड धारक विरोध नहीं कर पाते। नतीजा व मनमानी करने पर उतारू है। अगर कोई विरोध भी करता है तो कोटेदार उनके राशनकार्ड को निरस्त करने की धमकी देते हैं। और ऐसा हो भी रहा है। कई पात्र राशन कार्ड धारकों का कार्ड निरस्त करा दिया गया है और गरीब एक-एक दाने के लिए तरस रहे है। शफी सिद्दीकी ने कहा कि राशन का वितरण तो विभागीय अधिकारियों के समझ होना चाहिए। ऐसे इसमें पार्दर्शिता बनी रहेगी और सभी गरीब राशनकार्ड धारकों को शासन के मंशानुरूप राशन भी मिलता रहेगा। वहीं अगर कोई सरकारी सस्ते गल्ले का दुकानदार उसमें भी मनमानी करता है तो विभाग उनके दुकान को छीन कर किसी अन्य व्यक्ति को आवंटित करें। ताकि जिस नए व्यक्ति को दुकान मिले वह अपनी पूरी जिम्मेदारी के साथ गरीब राशनकार्ड धारकों में शासन के मंशानुरूप राशन का वितरण करें। ऐसा होते रहना चाहिए ताकि भ्रष्टाचार करने वालों में शासन और सत्ता का भय बना रहे और गरीबों का शोषण न हो सकें।

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