सोनभद्र। जनपद सोनभद्र प्राकृतिक एवं खनिज संपदा के दृष्टि से भरपूर है। एक ओर जहां प्रदेश सरकार द्वारा जन स्वास्थ्य एवं प्राकृतिक संपदा की सुरक्षा की बात की जाती है, वहीं कतिपय लोगों द्वारा मानकों की अनदेखी कर प्राकृतिक एवं खनिज संपदा का दोहन अनवरत जारी है। जिससे सरकार को राजस्व की क्षति उठानी पड़ रही है। जन स्वास्थ्य प्रभावित होने के साथ-साथ खनिज संपदा भी कालाबाजारी की भेंट चढ़ रही है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि, बगैर लीज के मानकों के अनदेखी कर कतिपय दबंग लोगों एवं निजी कंपनी द्वारा पत्थर खनन किया जा रहा है जो शासन के मनसा के विपरीत है। निजी कंपनी अल्ट्राटेक सीमेन्ट यूनिट डाला में कजरहट मार्ग से रेक्सहवा स्थित अपनी क्रशर में इन दिनों बोल्डर की सप्लाई डम्फर के माध्यम से जारी है। यह सिलसिला कभी दिन में तो रात्रि में कराया जा रहा है। जो चर्चाओं का विषय बना हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कजरहट में निजी कंपनी अल्ट्राटेक का कोई लीज पास नही है। आखिर इस तरह से अवैध खनन किस आधार पर किया जा रहा है। इन लोगों द्वारा किये जा रहे कार्यों पर प्रशासन पाबंदी नहीं लगाती है और पूंजीपतियों के साथ मिलकर खेल खेला जा रहा है। लोगों का कहना है कि, देखा जाय तो यह सिलसिला वगैर मिलीभगत के नही चल सकता। अवैध खनन कार्य एवं पत्थर ढोवाई के कार्य को धड़ल्ले से दिन-रात अंजाम दिया जा रहा है। मानकों की अनदेखी कर किए जा रहे अवैध खनन कार्य से आसपास के झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले गरीब आदिवासियों का जनजीवन जहां प्रभावित हो रहा है, वहीं राजस्व की भी बड़े पैमाने पर क्षति हो रही है। मौके का स्थलीय निरीक्षण किया जाए तो मानकों की अनदेखी स्वत: स्पष्ट हो जाएगी। खननकर्ता द्वारा इतनी गहराई तक विस्फोट कर पत्थर निकाला जाता है कि, वहां काफी गहरी खाई बन जाती है और आए दिन खतरे की आशंका बनी रहती है। क्षेत्रीय लोगों ने शासन और जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच कर बगैर लीज के किया जा रहे अवैध खनन पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।