मेरठ। मेरठ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (एमआईईटी) ने अपने इनक्यूबेशन फोरम और आईपीआर सेल के सहयोग से ‘पेटेंटिया आइडियाज को पेटेंट में बदलना’ विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), भारत सरकार के साथ साझेदारी में आयोजित किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों और उद्यमियों को पेटेंट फाइलिंग प्रक्रिया और एमएसएमई योजनाओं के तहत उपलब्ध अवसरों के बारे में जागरूक करना था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नैपाल सिंह, सहायक निदेशक ग्रेड-1, एमएसएमई डीएफओ, आगरा, और डॉ. आलोक गुप्ता, पेटेंट एजेंट एवं आईपीआर कंसल्टेंट, मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश थे। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसमें डॉ. एस.के. सिंह (निदेशक, एमआईईटी), नैपाल सिंह, डॉ. आलोक गुप्ता, रेहान अहमद और डॉ. रोहित अग्रवाल ने भाग लिया।
कार्यशाला में डॉ. आलोक गुप्ता ने पेटेंट फाइलिंग की प्रक्रिया और बौद्धिक संपदा की सुरक्षा के महत्व पर गहन चर्चा की। उन्होंने यह भी समझाया कि कैसे एक नवप्रवर्तक अपने विचारों को पेटेंट में बदल सकता है। उन्होंने उद्यमियों को इसके लिए आवश्यक कदमों और प्रक्रियाओं की स्पष्ट जानकारी दी।
इसके बाद नैपाल सिंह ने एमएसएमई मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं के माध्यम से कैसे एक व्यक्ति अपने उद्यमिता के सपनों को साकार कर सकता है। उनके सत्र ने छात्रों और नवोदित उद्यमियों को प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के सफल संचालन में इनक्यूबेशन प्रबंधक वंशिका यादव और ऑफिस एग्जीक्यूटिव आशीष कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
‘पेटेंटिया’ कार्यशाला ने नवाचार और उद्यमिता के बीच के अंतर को पाटने का प्रयास किया। इसने प्रतिभागियों को बौद्धिक संपदा और व्यवसाय विकास की दुनिया में कदम रखने के लिए प्रेरणा और आवश्यक ज्ञान प्रदान किया।