September 20, 2024
कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को कहा कि द्वीपीय देश में अल्पसंख्यक तमिलों के जातीय मेल-मिलाप के जटिल मुद्दे पर आम सहमति बनाने के लिए सभी राजनीतिक दलों को चर्चा में भाग लेना चाहिए क्योंकि संविधान के 13वें संशोधन (13ए) का पूर्ण क्रियान्वयन पूरे देश के लिए अहम है। विक्रमसिंघे इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए आयोजित सर्वदलीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने भारत की यात्रा तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ चर्चा करने के बाद यह बैठक बुलायी। राष्ट्रपति द्वारा यह बैठक सरकार के राष्ट्रीय सुलह कार्यक्रम और इसकी आगे की राह पर चर्चा के लिए बुलाई गई।। दिल्ली यात्रा से पहले, विक्रमसिंघे ने उत्तर और पूर्वी प्रांतों में प्रतिनिधित्व करने वाली तमिल पार्टियों के साथ एक बैठक में सर्वदलीय सहमति के साथ श्रीलंकाई संविधान के 13वें संशोधन (13ए) को प्रांतों को पुलिस शक्ति दिए बिना पूर्ण रूप से लागू करने पर सहमति जतायी थी। मुख्य तमिल पार्टी ‘टीएनए’ और मुख्य विपक्षी दल समागी जन बलवेगया (एसजेबी) समेत ज्यादातर विपक्षी दलों ने बैठक में हिस्सा लिया। कुछ दलों ने इस बैठक को विक्रमसिंघे की राजनीतिक नौटंकी बताया था। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा कि 13(ए) का पूर्ण क्रियान्वयन पूरे देश के लिए अहम है इसलिए सभी राजनीतिक दलों को वार्ता में भाग लेना चाहिए। सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के मामले में ऐसा प्रतीत होता है कि श्रीलंका का विपक्ष बंटा हुआ है। राष्ट्रीय सुलह पर सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के लिए संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले सभी राजनीतिक दलों और स्वतंत्र समूहों के नेताओं को निमंत्रण दिया गया, इनमें से कुछ विपक्षी नेताओं ने दावा किया है कि इस बैठक के एजेंडे के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में विक्रमसिंघे के साथ बातचीत के दौरान उम्मीद जताई थी कि श्रीलंकाई नेता 13ए को लागू करने और प्रांतीय परिषद चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध होंगे। उन्होंने तमिलों के लिए सम्मान के साथ जीवन सुनिश्चित करने का आग्रह किया था।
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सीकर वाले कार्यक्रम में उनका पूर्व निर्धारित संबोधन कार्यक्रम हटा दिया है। मोदी सीकर के कस्बे में एक कार्यक्रम में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। वे 1.25 लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) राष्ट्र को समर्पित करेंगे। गहलोत ने बृहस्पतिवार सुबह इस बारे में ट्वीट किया और मोदी से मांग की कि वह ‘अग्निवीर योजना’ को वापस लेकर सेना में स्थाई भर्ती जारी रखें, जातिगत जनगणना के राज्य सरकार के संकल्प प्रस्ताव पर फैसला करें। गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, आज आप राजस्थान पधार रहे हैं। आपके कार्यालय पीएमओ ने मेरा पूर्व निर्धारित तीन मिनट का संबोधन कार्यक्रम हटा दिया है, इसलिए मैं भाषण के माध्यम से आपका स्वागत नहीं कर सकूंगा अतः मैं इस ट्वीट के माध्यम से आपका राजस्थान में तहेदिल से स्वागत करता हूं।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह कार्यक्रम में अपने भाषण के माध्यम से जो मांग रखने वाले थे उन्हें अब इस ट्वीट के माध्यम से रख रहे हैं और उम्मीद है कि मोदी छह महीने में अपनी इस सातवीं राजस्थान यात्रा के दौरान इन्हें पूरा करेंगे। गहलोत ने पहली मांग में कहा है कि राजस्थान खासकर शेखावटी के युवाओं की मांग पर ‘अग्निवीर योजना’ को वापस लेकर सेना में स्थायी भर्ती पूर्ववत जारी रखी जाए। उन्होंने दूसरी मांग में कहा है कि राज्य सरकार ने अपने अंतर्गत आने वाले सभी सहकारी बैंकों से 21 लाख किसानों के 15,000 करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए हैं। हमने केन्द्र सरकार को राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्ज माफ करने के लिए ‘वन टाइम सेटलमेंट’ का प्रस्ताव भेजा है जिसमें किसानों का हिस्सा हम देंगे। इस मांग को पूरा किया जाए। जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाते हुए गहलोत ने कहा है कि राजस्थान विधानसभा ने जातिगत जनगणना के लिए संकल्प पारित कर भेजा है। केन्द्र सरकार इस पर अविलंब निर्णय ले। उन्होंने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा देने की भी मांग की है। प्रधानमंत्री सीकर में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्र को 1.25 लाख प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) समर्पित करेंगे। साथ ही वे ‘‘यूरिया गोल्ड’’ की भी शुरुआत करेंगे। वे राजस्‍थान उदयपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और डूंगरपुर जिलों में स्थित छह एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का उद्घाटन करेंगे। कार्यक्रम के दौरान वे केन्द्रीय विद्यालय तिवरी, जोधपुर का भी उद्घाटन करेंगे। शिलान्यास और लोकार्पण कार्यक्रम से इतर प्रधानमंत्री एक आमसभा को भी संबोधित करेंगे।
गाजियाबाद। जिले के मोदीनगर थानाक्षेत्र में पुलिस ने दलित समुदाय के लोगों के अवैध धर्म परिवर्तन में कथित संलिप्तता के आरोप में एक ईसाई पुजारी को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी की पहचान हापुड जिले के पीरनगर सुदाना गांव के निवासी महिंदर कुमार के रूप में हुई है। इस मामले में आशीष नामक व्यक्ति की शिकायत पर गिरफ्तारी की गई। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया गया था कि कुछ लोग पैसे के लिए गरीब लोगों पर ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव डाल रहे हैं। इस मामले में मंहिदर कुमार और कुछ अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ 23 जुलाई को मोदीनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अपर पुलिस आयुक्त (एसीपी- मोदीनगर) ज्ञान प्रकाश ने बताया कि कुमार अपनी पत्नी के साथ बेथलेहम गॉस्पेल नाम से एक ट्रस्ट चला रहे थे और उन्हें विदेशों से धन मिल रहा था, जिसका इस्तेमाल दलित वर्ग के गरीब लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए लुभाने के लिए किया जाता था। उन्होंने बताया कि कुमार हर रविवार को अपने एजेंटों द्वारा बताये गये लोगों से मिलने के लिए मोदीनगर के गांवों में जाते थे। अधिकारी ने कहा, इस मामले में कुमार के खिलाफ भादस और धर्मांतरण विरोधी कानून की संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। मामले की जांच चल रही है।
आइजोल। मिजोरम में म्यांमा सीमा के समीप चम्फाई जिले में बुधवार को दो अलग-अलग अभियानों में 54.79 करोड़ रुपये की मेथमफेटामाइन गोलियां बरामद की गयी। अधिकारियों ने बताया कि एक खुफिया सूचना के आधार पर असम राइफल्स और आबकारी विभाग के संयुक्त दल ने मुआलकावी इलाके से 94,940 और खुआंगलेंग इलाके से 87,720 मेथमफेटामाइन गोलियां जब्त की। उन्होंने बताया कि इस संबंध में असम के हैलाकांडी के रुस्तम अली लस्कर (32) और त्रिपुरा के बामुटिया के जंतु दास (45) को गिरफ्तार किया गया है।
27 जुलाई को महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे अपना 63वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका पूरा नाम उद्धव बाल केशव ठाकरे है। बता दें कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी शिवसेना काफी लोकप्रिय पार्टी है। वहीं उद्धव ठाकरे का महाराष्ट्र की राजनीति में उनका अहम योगदान है। उद्धव साल 2000 से पहले राजनीति से दूर रहे थे। लेकिन बहुत कम समय में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राजनीति में एक अलग मुकाम हासिल किया है। आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर उद्धव ठाकरे के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में… जन्म और शिक्षा पूर्व नेता और शिवसेना के संस्थापक श्री बालासाहेब ठाकरे के घर मुंबई में 27 जुलाई 1960 को उद्धव ठाकरे का जन्म हुआ था। मुंबई में स्थित बालमोहन विद्यामंदिर से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद आगे की पढ़ाई उन्होंने सर जमशेदजी जीजीभॉय स्कूल ऑफ आर्ट्स कॉलेज से पूरी की थी। राजनीतिक सफर  वहीं राजनीति में आने से पहले शिवसेना के स्पष्ट उत्तराधिकारी के तौर पर उद्धव ठाकरे को शायद ही कोई जानता है। क्योंकि उद्धव ठाकरे ने भी कभी सक्रिय तौर पर राजनीति में अपना ध्यान नहीं लगाया था। उन्हें वन्यजीव फोटोग्राफी में काफी दिलचस्पी थी। लेकिन जब पिता बाल ठाकरे की तबियत बिगड़ने लगी तो उद्धव ठाकरे राजनीति में सक्रिय हो गए। हालांकि उनका राजनीतिक सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा था। क्योंकि बाल ठाकरे के बाद उनकी पार्टी शिवसेना का उत्तराधिकारी कौन होगा यह महाराष्ट्र का मुख्य सवाल था। वहीं जनता बाल ठाकरे के उत्तराधिकारी के तौर पर राज ठाकरे को कहीं न कहीं देखती थी। क्योंकि महाराष्ट्र की जनता राज ठाकरे में बाला साहब ठाकरे की छवि को देखती थे। लेकिन उद्धव ठाकरे को पार्टी के लिए अपने चचेरे भाई राज ठाकरे से भी संघर्ष करना पड़ा था। इसकी वजह से शुरुआत में पार्टी के एक गुट को विरोध का सामना करना पड़ा। कॅरियर साल 2002 में उद्धव ठाकरे ने बीएमसी चुनाव में पार्टी की जीत के साथ शिवसेना को एक प्रमुख स्थान दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। इस दौरान बाला साहब ठाकरे ने उद्धव से पार्टी में एक जिम्मेदार भूमिका निभाने के लिए जोर डाला था। जिसके बाद साल 2003 में उन्हें पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर घोषित कर दिया गया। वहीं बाला साहब के निधन के बाद शिवसेना पार्टी की सत्ता में उद्धव ठाकरे एकमात्र महत्वपूर्ण व्यक्ति है साल 2012 में उद्धव ठाकरे ने पार्टी की नीतियों और रणनीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना पार्टी महाराष्ट्र की अहम राजनीतिक ताकत बन गई। वहीं साल 2019 में उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। इस दौरान शिवसेना, एनसीपी, और आईएनसी की महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार थी। साथ ही वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले शिवसेना नेता है। महाराष्ट्र के सीएम बनने के बाद उद्धव ठाकरे ने रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे के विकास और कृषि सुधारों सहित कई मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने महाराष्ट्र के लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए कई नीतियों को लागू किया। उद्धव ठाकरे ने गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए शिव भोजन थाली योजना के जरिए सस्ता भोजन प्रदान करती है। साल 2019 में महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को कोविड 19 महामारी, बाढ़ से निपटने और राज्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए प्रशंसा मिली थी।
आजकल माइग्रेन की समस्या बहुत आम हो गई है। खराब लाइफस्टाइल, जंक फूड का सेवन, सही समय पर नहीं सोना, लैपटॉप के सामने घंटों बैठे कर काम करना आदि के कारण यह समस्या और बढ़ जाती है। माइग्रेन में सिर के एक हिस्से में दर्द होना, आंखे भारी होना, उल्टी और चक्कर जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। मानसून के मौसम में वायुमंडल में अधिक दबाव होने के कारण माइग्रेन और बढ़ जाता है। इसके साथ ही इस मौसम में ह्यूमिडिटी अधिक बढ़ जाती है, जिससे बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है, जो माइग्रेन को ट्रिगर करता है। इसके अलावा धूल से भी एलर्जी होने से व्यक्ति की माइग्रेन की समस्या बढ़ जाती है। संतुलित आहार, स्वस्थ जीवनशैली से माइग्रेन के दर्द को नियंत्रण में रखा जा सकता है। हाइड्रेट रहें मानसून में ह्यूमिडिटी बढ़ जाती है, जिस कारण डिहाइड्रेशन हो जाता है। इसलिए मानसून में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। एक दिन कम से कम आठ लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। पानी की कमी माइग्रेन को ट्रिगर करती है। आप पानी के अलावा जूस और सूप जैसे तरल पदार्थ का भी सेवन कर सकते हैं। हालांकि किसी भी ऐसे तरल पदार्थ से दूर रहें, जो आपके माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है। घर के अंदर के वातावरण पर नियंत्रण रखें माइग्रेन का दर्द न बढ़े इसलिए घर के अंदर के वातावरण को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। घर में डीह्यूमिडिफ़ायर या एयर कंडीशनर का उपयोग करें। इससे नमी के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलगी, इसके साथ ही बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन में भी कमी आएगी। वहीं बाथरूम और किचन को साफ रखें ताकि बैक्टीरियल और फंगल इनफेक्शन न हों। रूटीन बनाएं माइग्रेन का दर्द न बढ़े, इसके लिए एक रूटीन बनाएं और इसी को फॉलो करें। सही समय पर सोएं, संतुलित आहार लें और स्ट्रेस फ्री रहें। मानसून के सीजन में जीवनशैली में बदलाव करने से माइग्रेन की संभावना कम करने में मदद मिल सकती है। ट्रिगर्स को पहचानें और उनसे बचाव करें मानसून में माइग्रेन को बढ़ाने वाली चीजों को पहचानें। इनकी पहचान करने के बाद आपनी जीवनशैली में जरूरी बदलाव लाएं। इसमें तेज गंध, कुछ खाद्य पदार्थ शामिल हो सकते हैं, जो लगातार माइग्रेन को ट्रिगर करते हैं। ट्रिगर्स पर नियंत्रित करने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
नई दिल्ली: बारिश का मौसम आते ही चारों तरफ हरियाली छा जाती है। यह मौसम चिलचिलाती गर्मी से लोगों को राहत दिलाता है। लेकिन मानसून सेहत संबंधी कई समस्याएं भी लेकर आता है। अगर आप इस मौसम में स्वस्थ रहेंगे, तो ही बारिश का लुत्फ उठा सकते हैं। बारिश के मौसम में कमजोर इम्युनिटी, संक्रमण, अपच जैसी कई बीमारियाों का सामाना करना पड़ता है। मानसून संबंधित इन समस्याओं को कम करने के लिए आपको अपने खानपान में बदलाव करना चाहिए। इस मौसम में इम्यून सिस्टम को मजबूत रखना बेहद जरूरी है ताकि आप बीमारियों से बच सकें। इस मौसम में आंवला जरूर खाएं। आप इसे खाने में कई तरह से शामिल कर सकते हैं। इसमें औषधीय गुण पाए जाते हैं। जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। आयुर्वेद में आंवला का इस्तेमाल सदियों से किया जाता है। इसका उपयोग जड़ी-बूटियों में भी किया जाता है। तो आइए जानते हैं, मानसून में आंवला खाने के क्या फायदे हैं। इम्युनिटी बूस्टर मानसून के मौसम में नमी के कारण बैक्टीरिया, फंगस और वायरस तेजी से फैलने लगते हैं। जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। बारिश के मौसम में सर्दी-खांसी और अन्य कई बीमारियों से लोग परेशान रहते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी इम्युनिटी पर घ्यान दें। इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के लिए आप अपनी डाइट में आंवला जरूर शामिल करें। यह विटामिन-सी का समृद्ध स्रोत है। जो बारिश के मौसम में आपकी इम्युनिटी बढ़ाता है। जिससे आप सर्दी, फ्लू या अन्य संक्रमण से बच सकते हैं। स्किन के लिए फायदेमंद मानसून में ह्यूमिडिटी के कारण चकत्ते, मुंहासे और फंगल संक्रमण जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इस मौसम में अगर आप आंवला खाते हैं, तो इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण खून को साफ करने और स्किन को हेल्दी रखने में मदद करता है। जिससे आप बारिश के मौसम मे त्वचा से जुड़ी समस्या से राहत पा सकते हैं। सांस संबंधी समस्या बरसात में सांस संबंधी समस्या बढ़ सकती है। इस मौसम में एलर्जी या अस्थमा से पीड़ित लोगों को खास ख्याल रखना चाहिए। आंवला इन समस्याओं को कम कर सकता है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। जिन लोगों को सांस संबंधी समस्या है, आंवला उनके लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद मानसून के मौसम में लोग खाने का भरपूर मजा लेते हैं। इस मौसम में स्नैक्स और मिठाइयां  ज्यादा पसंद करते हैं। लेकिन डायबिटीज के मरीजों के लिए  खाने की ये सारी चीजें सेहत पर भारी पड़ सकती है। इससे रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव होता है। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो आंवला आपके लिए लाभदायक हो सकता है। इसमें क्रोमियम होता है, जो इंसुलिन के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया को बढ़ाता है और रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य रखने में मदद करता है।
जब हेल्दी रहने की बात आती है, तो सबसे पहले खानपान की चर्चा होती है क्योंकि यह एक ऐसा फैक्टर है, जो हमें स्वस्थ्य भी रख सकता है और बीमार भी। नेचर ने हमें कई तरह के सुपरफूड्स दिए हैं, इनमें से एक खीरा भी है, जिसे खाने से अनेकों फायदे होते हैं। ताजगी देने वाली यह सब्जी न केवल कैलोरी में कम है बल्कि आवश्यक पोषक तत्वों से भी भरपूर है, जिसकी वजह से इसे डेली डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। यह आपके वजन कम करने की इच्छा को पूरी करने के साथ ही कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल में भी सुधार करेगा। आइये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से। वजन कम करने में मददगार वजन कम करने या हेल्दी वेट बनाए रखने का लक्ष्य रखने वालों के लिए खीरा सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें कम कैलोरी होने के साथ, ज्यादातर पानी शामिल है। खीरे को स्नैक के रूप में खाया जा सकता है। खीरा आपको अधिक खाने से रोकने और वेट मैनेज करने में मदद करता है। इसके अलावा, खीरे में मौजूद फाइबर डाइजेशन में सुधार करता है। ब्लड शुगर मैनेज करे ब्लड शुगर लेवल को लेकर परेशान लोगों को अपनी डाइट में खीरा शामिल करना चाहिए, इससे उन्हें काफी फायदा हो सकता है। खीरे में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका मतलब है कि उनके ब्लड शुगर पर कम से कम प्रभाव पड़ता है। उनमें ऐसे कम्पाउंड भी होते हैं, जो कार्बोहाइड्रेट को आसान शुगर के रूप में तोड़ने से रोकते हैं और इस तरह खाने के बाद ब्लड ग्लूकोज स्पाइक्स को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। खाने में खीरे को शामिल करने से ब्लड शुगर को बेहतर नियंत्रण में मदद मिल सकती है और इंसुलिन प्रतिरोध का खतरा कम हो सकता है। कोलेस्ट्रॉल मैनेज करे खीरा कोलेस्ट्रॉल लेवल मैनेज करने में अहम भूमिका निभा सकता है। इनमें प्लांट स्टेरोल्स होते हैं, ऐसे कम्पाउंड जो कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले प्रभावों के लिए जाने जाते हैं। नियमित रूप से खीरा खाने से, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (खराब कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल कम करने से हार्ट हेल्थ में सुधार होता है और दिल से जुड़ा खतरा भी कम हो सकता है। खीरे को डाइट में कैसे शामिल करें? खीरे को डाइट में शामिल करने के कई तरीके हैं। चाहें, तो उन्हें टुकड़ों में काट कर खा सकते हैं। सलाद तैयार कर सकते हैं या हाइड्रेटिंग और पौष्टिक रूप देने के लिए स्मूदी में मिला सकते हैं। खीरा खाने के अन्य स्वास्थ्य लाभ वेट मैनेजमेंट, ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल और कोलेस्ट्रॉल लेवल के अलावा भी खीरे कई फायदे हैं। ये विटामिन और मिनरल्स का एक समृद्ध स्रोत हैं, जिनमें विटामिन के, विटामिन सी, पोटेशियम और मैग्नीशियम शामिल हैं। यह सभी समग्र कल्याण के लिए आवश्यक हैं। ये पोषक तत्व हड्डियों के स्वास्थ्य, इम्युनिटी और यहां तक कि स्किन हेल्थ में मदद करते हैं।
नई दिल्ली: आजकल काम के प्रेशर के कारण लोग कई घंटों तक एक ही जगह पर बैठे रहते हैं। इस तरह आप काम तो पूरा कर लेते हैं, लेकिन एक ही जगह पर ज्यादा देर तक बैठने से दिल की बामरी का खतरा बढ़ जाता है। एक स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि एक ही जगह पर ज्यादा समय बैठने से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। एक्सपर्ट का कहना है कि हर घंटे में कम से कम 5-10 मिनट के लिए आपको जरूर उठना चाहिए और अपने मसल्स को स्ट्रेच करना चाहिए। अगर आप काफी समय तक एक ही जगह पर बैठे रहते हैं, तो दिल की बीमारी के साथ-साथ कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं, एक ही जगह पर लगातार बैठने से सेहत को क्या नुकसान हो सकता है। एथेरोस्‍क्लेरोसिस का खतरा एथेरोस्‍क्लेरोसिस में आपकी शरीर की नसें सिकुड़ जाती है, इसकी वजह से नसों में ब्लड का प्रवाह रुक जाता है। इसे एथरोस्‍क्लेरोटिक कार्डियोवस्‍कुलर डिजीज भी कहते हैं जिसके कारण हार्ट अटैक, स्‍ट्रोक और पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज जैसी बीमारियों का खतरा रहता है। डीप वेन थ्राम्बोसिस लंबे समय तक बैठे रहने से आपको डीप वेन थ्राम्बोसिस (DVT) होने की संभावना बढ़ जाती है. डीप वेन थ्राम्बोसिस एक ब्लड क्लॉट है, जो शरीर में गहराई में मौजूद नसों में बनता है। ज्यादातर मामलों में ये क्लॉट पैरों या जांघ में बनते हैं। अगर डीप वेन थ्रोम्बोसिस में बना क्लॉट अपनी जगह से हिल जाता है, तो लंग्स को नुकसान पहुंचाता है। हाई ब्लड प्रेशर ज्यादा देर तक एक ही जगह बैठे रहने से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। शारीरिक गतिविधि की कमी और ब्लड सर्कुलेशन की कमी के कारण हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है। यह हार्ट अटैक होने का मुख्य कारण है। इसलिए रोजाना एक्सरसाइज करें और कोशिश करें कि एक समय पर ज्यादा देर एक ही स्थान पर न बैठें, बीच-बीच में वॉक करें। इससे ब्लड प्रेशर नहीं बढ़ेगा साथ ही दिल की बीमारी का खतरा कम होगा। मोटापे का खतरा लंबे समय तक बैठे रहने से कैलोरीज कम बर्न होती है। जिससे वजन बढ़ सकता है। अधिक वजन बढ़ने से दिल पर अधिक प्रेशर पड़ता है। इसके साथ ही हाई कोलेस्ट्रोल और डायबिटीज का खतरा भी रहता है। इसलिए नियमित व्यायाम और लगातार बैठने के इंटरवेल को कम करके आप वजन को नियंत्रित रख सकते हैं, जिससे कई बीमारियों से आप बच सकते हैं।
नई दिल्ली । भारतीय बाजार में टाटा सबसे अधिक कारों की सेल करने वाली कंपनी में से एक है। ऐसे में वह अपने ग्राहकों के लिए आने वाले समय में कोई नई गाड़ी लॉन्च करने वाली हैं । अगर आप अपने लिए टाटा की नई कार लेने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आज हम आने वाली गाड़ियों की लिस्ट लेकर आए हैं।  Tata Nexon facelift & Nexon EV facelift हमारे लिस्ट में पहले नंबर पर टाटा नेक्सन फेसलिफ्ट और नेक्सन इलेक्ट्रिक फेसलिफ्ट है। आपको बता दें कंपनी इसमें नए डिजाइन अपडेट और फीचर्स के साथ लॉन्च करेगी। इसमें नया अधिक दमदार 1.2 लीटर का टर्बो इंजन मिलेगा। आपको बता दें मौजूदा इलेक्ट्रिक पावर ट्रेन ऑप्शन को बरकरार रखते हुए मैक्स टीवी को आईसी मॉडल के समान डिजाइन और फीचर्स अपडेट मिलेंगे। Tata Punch iCNG &...