बड़हलगंज, गोरखपुर। अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक राजनजी महराज ने कहा कि गोस्वामी तुलसी दास जी ने कहा है की जब गौतम ऋषि के शाप के कारण पत्थर बनी अहिल्या के बारे में जब गुरु विश्वामित्र ने जब अन्तरयामी भगवान राम को बताया तो उन्होंने अहिल्या को अपने पैरों से स्पर्श किया। इससे अहिल्या का शाप टूट गया और वह फिर से जीवित हो गईं। यह कथा भगवान राम की महानता और गुरु के प्रति श्रद्धा को दर्शाती है। जब भगवान राम अपने गुरु के साथ होते तो सब कुछ जानते हुए भी अनजान बन कर अपने गुरु की हर बात को सुनते थे इसलिए अपने साथ कोई श्रेष्ठ हो तो हम सब को भी अपने ज्ञान का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए।
कस्बे के नेशनल इंटर कालेज के मैदान पर हनुमान सेवा समिति के तत्वावधान में चल रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा के चौथे दिन उपस्थित श्रोताओं को देर शाम कथा का रसपान कराते हुए उन्होंने बताया कि राजन जी महाराज ने सीताजी के स्वयंवर के समय का वृतांत बताया कि जनक जी निराकार को मानते थे लेकिन राम जी को पहली बार देखकर उन्हें सगुण ईश्वर का आभास होने लगा। जब अपने गुरु से आज्ञा लेकर राम जी और लक्ष्मण जी मिथिला में घुमने जाते हैं, तो वहां की स्त्रियां उनकी सुंदरता देखकर बहुत प्रसन्न व आनंदित होती हैं। वे राम जी और लक्ष्मण जी की सुंदरता और वीरता की प्रशंसा करती हैं।
राजन जी ने बताया जब राम जी मिथिला में सीता स्वयंवर में भाग लेने के लिए जाते हैं, तो वहां एक धनुष रखा होता है, जिसे शिव जी ने बनाया था। उस धनुष को तोड़ने वाले को ही सीता जी को वर के रूप में चुनना था।स्वयंवर में बहुत से राजाओं ने तोड़ने का प्रयास किया लेकिन तोड़ना तो दूर कोई हिला नहीं सका । यह देख जनक जी के व्यंग्य पर लक्ष्मण जी बहुत नाराज़ हो गए तो राम जी ने उन्हें शांत कर शक्ति का उपयोग करके उस धनुष को तोड़ देते हैं। इससे वहां उपस्थित सभी लोग राम जी की शक्ति देख आश्चर्यचकित हो जाते हैं और उनकी वीरता की प्रशंसा करते हैं। इस प्रकार सीता जी राम जी को वर के रूप में चुन लेती है। इस प्रकार रामजी और सीता जी का विवाह हो जाता है। पुरा मिथिला में हर्ष का वातावरण बन जाता है और महिलाएं मंगल गीत गाने लगती हैं।तथा का यह वृतांत सुनकर पूरे पांडाल के श्रद्धालु जयकारा लगा झूमने लगते है । इस प्रकार चौथे दिन की कथा का सफलतापूर्वक समापन हुआ ।
कथा के चौथे दिन के यजमान ब्लॉक प्रमुख राम आशीष राय, डॉ रमेश चन्द्र, डॉ सुनीता चन्द्र अमित पांडेय, प्रीति पांडेय व सुमित मिश्र ने व्यास पीठ का पुजन किया। कथा का आयोजन श्री हनुमान सेवा समिति द्वारा किया गया।कथा के चौथे दिन का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
इस अवसर पर अध्यक्ष सुबेदार राय, उपाध्यक्ष कुलदीप राय, अनिल कुमार पाण्डेय, संरक्षक डाक्टर ए ने चौबे, वरिष्ठ सदस्य कैलाश नाथ मिश्रा, राम हर्ष गुप्ता, कमलेश सिंह, राजीव राय, अजय प्रसाद राय, योगेश राय ,मुकेश राय, तारा राय,सरोज, सुष्मिता, कविता, अनील पाण्डेय व प्रेम सागर तिवारी सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे ।