सोनभद्र। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा रावर्टसगंज में सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी का प्रकाश उत्सव जयंती समारोह बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान गुरुद्वारा साहब को फूल माला, झालर बत्ती से सजाया गया। इसी क्रम में नगर में प्रभात फेरी भी निकाली गई। नगर में अखंड पाठ की समाप्ति के बाद भाई- सुरजनत सिंह व दया सिंह द्वारा भजन कीर्तन का गायन किया गया। इसके बाद जालंधर से आए रागी जाता भाई सतनाम सिंह व उनके साथियों द्वारा शबद कीर्तन कथा का गायन किया गया। तत्पश्चात सरदार जसवीर सिंह ने गुरु नानक देव जी के बारे में बताया। कहा कि, गुरु साहब का जन्म सन 1469 में तलवंडी नामक स्थान में हुआ था। बाद में इनका नाम ननकाना साहब हो गया। यह स्थान वर्तमान में पाकिस्तान में है। इस समय समाज में नैतिकता गिर चुकी थी, अंधविश्वास छुआछूत पूर्ण व्यवस्था उच्च नीच में समाज भरा हुआ था। सब कर्म ने विदेशी आक्रमण कार्यों को आक्रमण करने के लिए प्रेरित किया तथा उन्होंने भारत पर आक्रमण करके गुलाम बना लिया। भारत की स्वतंत्रता समाप्त हो गई। हम सदियों तक पराधीन रहे। इसके कारण हमारी सोच मानसिकता स्थानीय रूप से गुलाम हो गई। हमारा आत्म विश्लेषण व स्वाभिमान जैसे गुण कहीं खो गया। इसको दूर करने के लिए गुरु साहिब ने पंगत व संगत की प्रथा चलाई, जिससे छुए छू दूर हो व बराबरी का बोध हो। समाज में नारी को सम्मान देने की बात की। अपनी कमाई का दसवां हिस्सा समाज में भलाई का आकार करने के लिए खर्च करने को कहा। श्री गुरु नानक देव जी ने अपनी बात ना उपदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिए लगभग 14 वर्षों तक पैदल ही एशिया महाद्वीप की यात्राएं भी की। गुरु जी ने अपने कार्यों को ईमानदारी से करने के लिए कहा तथा किसी का हक न करने की बात करी। दुनिया में सभी जीव बराबर हैं, उनका रचयिता एक है। अतः कोई बुरा या भला कैसे हो सकता है। अवल अल्लाह नूर उपाया कुदरत दे सब बंदे एक नूर ते सब जग उपजियां कौन भले कौन मंदे। तत्पश्चात कार्यक्रम की समाप्ति हुई। प्रसाद वितरण हुआ और हजारों लोगों ने लंगर में भोजन ग्रहण किया। दिन में 4:00 से गुरु ग्रंथ साहब जी की शोभायात्रा प्रारंभ हुई। गुरु नानक बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं द्वारा पॉइंट व अन्य खेल का प्रदर्शन किया गया। मिर्जापुर से गतका पार्टी द्वारा अपने विभिन्न प्रकार के खेल कर्तव्य दिखाए गए। मुगलसराय, चंदौली, चकिया, अरोड़ा, राजगढ़, चोपन, ओबरा स्थान से भी संगत भाई तथा महिलाएं बच्चे पुरूष ने ढोल के साथ भजन कीर्तन करते हुए नगर भ्रमण किया। शोभा यात्रा रात्रि 8:00 बजे गुरुद्वारा साहब आकर समाप्त हुई। रास्ते में स्थान स्थान पर शोभा यात्रा में शामिल लोगों ने चाय पानी नाश्ता व प्रसाद का लुफ्त उठाया। गुरुद्वारा साहब के वासी पर आतिशबाजी का भव्य प्रदर्शन भी किया गया। पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में अजीत सिंह, दया सिंह, देवेंद्र सिंह भंडारी, परम ब्रह्म सिंह, चरणजीत सिंह, मनजीत सिंह, बलकार, अमन, रणजीत सिंह, रवि, सोनू, संतोष सिंह, तजविंदर पाल सिंह, जसपाल सिंह, रजनीश जी, गुरविंदर सिंह आदि लोगों ने सहयोग दिया। पूरे कार्यक्रम का संचालन कमलेश सिंह खंबे व सरदार जसवीर सिंह ने किया।