अधिकारी गणतंत्र दिवस मनाने में व्यस्त, माफिया अवैध खनन में मस्त
देहरादून। राजधानी के पछवादून इलाके में माफिया लगातार मशीनो से नदियों का सीना चीर रहे हैं जबकि जिलाधिकारी समेत तमाम अधिकारियों को शिकायत की जा चुकी है लेकिन माफियाओं पर लगाम नहीं लग पा रही है। ये खनन माफिया जहां एक ओर राज्य सरकार को राजस्व का भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को भी खतरा पैदा कर रहे हैं । हद तो तब हो गयी जब गणतंत्र दिवस के दिन पूरा शहर गणतंत्र मनाने में व्यस्त था और ये माफिया इस दिन का लाभ उठाकर नदियों मे लगातार मशीनों से खनन करने में लगे हुए थे।
राजधानी में अवैध खनन के एक के बाद एक मामले लगातार सामने आ रहे हैं इसके बावजूद प्रशासन खनन माफिया पर शिकंजा नहीं कस पा रहा है। पछवादून के सहसपुर, राजावाला, सिंगनीवाला सहित कई इलाकों में माफिया धड़ल्ले से खनन कर रहे हैं। इधर सोंग नदी में भी अवैध खनन हो रहा है। इससे पहले सोंग नदी में दो जगहों पर अवैध खनन पकड़ा गया था। इसके बावजूद भी सरकारी मशीनरी में खनन माफिया पर शिकंजा कसने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है।
सरकारी तंत्र और माफिया की सांठगांठ से अवैध खनन के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। करीब दो माह से पछवादून के आधा दर्जन से अधिक जगहों पर अवैध खनन हो रहा था। यहां पूरी पूरी रात नदियों से खनिज सामग्री निकाली जा रही थी लेकिन अधिकारियों ने पहले इस मामले को दबाने की कोशिश की थी पर बाद में मामला शासन तक पहुंचने के बाद उच्चस्तरीय टीम यह देखकर दंग रह गई थी कि वहां पोकलेन सहित दूसरी प्रतिबंधित मशीनों से नदी में अवैध खनन हो रहा है। माफियाओं ने यहां दस से बारह फीट तक गड्डे किए हुए हैं और कई जगह तो लम्बी लम्बी खाई तक बना डाली हैं। इस तरह के अवैध खनन को देखने के बाद अफसरों को इस मामले में कार्रवाई करनी पड़ी और चार डम्पर और एक पोकलेन मशीन को सीज करना पड़ा था। इसके बाद भी सरकारी तंत्र इन माफियाओं पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर सका। यहां लगातार नदियों में पोकलेन मशीन लगाकर खनन किया जा रहा है और सर्दियों की पूरी पूरी रातो को लगातार खनन किया जा रहा है। हालात ऐसे हैं की एक ही रात में सैकड़ों डम्पर उप खनिज नदियों को निकाला जा रहा है और यह उप खनिज किस रवन्ने पर निकल रहा है कहां तोला जा रहा है इसकी किसी कोई जानकारी नही है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस उप खनिज को ले जाने के लिए माफियाओं के डम्पर मुख्य मार्ग की बजाय दूसरे रास्तों का प्रयोग करते हैं ताकि ये वन विभाग की चेक पोस्टों से बच सकें। साथ ही साथ ये उप खनिज को निजी जमीनों पर भी डम्प कर रहे हैं ताकि बाद में इनको मनमाने दामों पर बेचा जा सके। राजधानी में माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि इन्होंने ग्रामीण इलाकों में अपने निजी डम्पिंग जोन बना रखे हैं और ये अवैध खनन से निकाले गये इस उप खनिज को इन्हीं डम्पिंग जोन में रख रहे हैं साथ ही साथ कुछ माफिया अपने स्टोन क्रेशर चला रहे हैं तो ये अवैध खनन से इन क्रेशर का पेट भर रहे हैं।