आजमगढ़/लखनऊ से आई सूची की जांच कराना जिला पूर्ति कार्यालय ने नहीं समझा अनिवार्य प्राइवेट नौकरी करने वाले, ठेला लगाने वाले, पल्लेदारी करने वाले, आदि जैसे गरीब पात्र लोगों का राशन कार्ड इनकम टैक्स पेई बात कर किया गया है निरस्त उच्चाधिकारी जिला पूर्ति कार्यालय के कारनामे से हैं अनभिज्ञ,जिला पूर्ति अधिकारी 15 नवंबर के बाद भी नहीं बना रहा है पात्र लोगों का राशन कार्ड सरकार की राइट टू फूड अधिकार और सरकार की लाभकारी योजनाओं से लोग हो रहे हैं वंचित आजमगढ़ राइट टू फूड अधिकार और सरकार की लाभकारी योजनाओं का जिला पूर्ति कार्यालय धज्जियां उड़ा रहा है। उपभोक्ताओं द्वारा जब पूछा जाता है कि मेरा कार्ड क्यों निरस्त किया गया है तो कार्यालय द्वारा बताया जाता है कि लखनऊ से एक लिस्ट आई है जिसमें आप इनकम टैक्स पेई बताई जा रहे हैं। जिला पूर्ति अधिकारी ने लखनऊ से आई लिस्ट के माध्यम से पात्र और अपात्र राशन कार्ड धारकों की जांच करना उचित नहीं समझा और मनमाने ढंग से राशन कार्ड को निरस्त किया गया। एक तरफ केंद्र सरकार 5 साल तक मुफ्त भोजन देना चाहती है और दूसरी तरफ लोग सरकार की राइट टू फूड अधिकार और लाभकारी योजनाओं से राशन कार्ड न होने के कारण वंचित हो रहे हैं। जिला पूर्ति कार्यालय के द्वारा उपभोक्ताओं के शोषण के लिए अपनाए गए इस फंडे पर अगर भाजपा के पदाधिकारी नजर नहीं रख पाएंगे तो वह सरकार को बदनाम करने से जरा भी नहीं हिचकेंगे । परेशान राशन कार्ड धारक उपभोक्ताओं द्वारा जब जिला पूर्ति अधिकारी से पूछा गया की कब तक हमारे राशन कार्ड बनेंगे तो उन्होंने बताया था कि 15 नवंबर के बाद से कार्ड बनना शुरू हो जाएंगे लेकिन अभी तक किसी भी राशन कार्ड धारकों के राशन कार्ड नहीं बनाए जा रहे हैं। जनपद के उच्च अधिकारियों ने अगर ध्यान नहीं दिया तो उनके ही नाक के नीचे जिला पूर्ति कार्यालय लोगों का शोषण करने से बाज नहीं आएगा।