हाथरस 30 अप्रैल, उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के आदेश के अनुपालन में जनपद न्यायाधीश, अध्यक्ष, सतेन्द्र कुमार के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की प्रभारी सचिव, अनु चौधरी द्वारा जिला कारागार, अलीगढ़ का निरीक्षण किया गया। सचिव द्वारा पुरूष बन्दी व महिला बन्दी से बातचीत की गई व उनकी समस्यों को सुना गया तथा उनकी समस्या के निस्तारण हेतु जेल अधीक्षक को आवश्यक निर्देश दिये गये। निरीक्षण के समय कारागार में निरूद्ध बंदियों से उनकी तारीख पेशी एवं भोजन के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी की गयी तथा बन्दियों से आज के भोजन के बारे में पूछा गया। इसके अतिरिक्त बीमार निरूद्ध बन्दियों से उनके स्वास्थ्य के बारे में एवं उनको दी जाने वाली दवाओं के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक जानकारी ली गयी। प्रभारी सचिव द्वारा बैरकों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान बन्दियों से विधिक सहायता के बारे मे पूछा गया तो बन्दियों द्वारा बताया गया कि उन्हें समय पर विधिक सहायता मिल रही है। निरीक्षण के समय बन्दियों से उनकी समस्या के बारे में पूछा गया जो उनके द्वारा कोई समस्या नहीं बतायी गयी।
इसके अतिरिक्त उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देंशानुसार जिला कारागार, अलीगढ़ निरूद्ध बन्दियों को जानकारी देते हुये बताया गया कि ऐसे मामलें जिनमें सात साल से कम सजा है और बन्दी कुछ समय कारागार में व्यतीत कर चुके हैं वो जुर्म इकबाल का प्रार्थना पत्र देकर सुलह के माध्यम से केसां का अन्तिम रूप से निस्तारण करा सकते हैं, क्योंकि प्लीबारगेनिंग के अन्तर्गत छोटे मामले आते हैं। उन्होंने पुरूष एवं महिला बन्दियों को निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि यदि किसी बन्दी के पास पैरवी हेतु अधिवक्ता उपलब्ध नहीं है, तो वह कारागार अधीक्षक के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रेषित कर निःशुल्क सहायता प्राप्त कर सकते हैं और विधिक जानकारी हेतु पैनल अधिवक्ता प्रत्येक माह जिला कारागार में उपस्थित होते है, जिनसे विधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है।
इसके अतिरिक्त उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार दो दिवसीय विशेष जेल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें अपर सिविल जज (व.प्र.) एफ.टी.सी. द्वारा आज प्रथम दिवस की विशेष जेल लोक अदालत में तीन वादों को निस्तारण किया गया।