बहराइच। जनपद में संभावित बाढ़ के दौरान बचाव एवं राहत कार्यो के संचालन की कार्ययोजना तैयार किये जाने के सम्बंध में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बाढ़ स्टीयरिंग गु्रप की बैठक के दौरान जिलाधिकारी मोनिका रानी ने सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिया कि सम्भावित बाढ़ के दौरान शासन के मंशानुसार बचाव एवं राहत कार्य के संचालन हेतु फुलप्रुप कार्य योजना तैयार की जाय। डीएम ने सरजू ड्रेनेज खण्ड के अधिकारियों को निर्देश दिया कि तटबंधो की सुरक्षा हेतु संचालित कार्यो को बाढ़ से पूर्व प्रत्येक दशा में पूर्ण करा लिया जाय। बाढ़ के दौरान तटबंधो की सुरक्षा एवं कटान के प्रभावी नियंत्रण के लिए समय से आवश्यक सामग्री की आवश्यकता सुनिश्चित करा ली जाय। बाढ़ क्षेत्र का सघन भ्रमण कर तटबंधो के रैटहोल, रैनकट इत्यादि कटान सम्भावित स्थानों को चिन्हित कर आवश्यक मरम्मत कार्य समय से करा लिए जाय। कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त होने वाली फसलों के सर्वे का कार्य बाढ़ से पूर्व कर लिया जाय।
डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि बाढ़ के दौरान वितरित किये जाने वाले खाद्यान्न, पशुओं के लिए भूसे आदि की व्यवस्था के लिए समय पूर्व ही टेण्डर इत्यादि की कार्यवाही पूर्ण कर ली जाए। डीएम ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि पूर्व के अनुभवों का लाभ लेते हुए ऐसी प्रभावी कार्ययोजना तैयार करें कि आपदा के समय जन-धन का नुकसान कम से कम हो तथा राहत एवं बचाव कार्य भी निर्बाध ढंग से संचालित किये जा सकें।डीएम मोनिका रानी ने सभी सम्बन्धित विभागों को यह भी निर्देश दिया कि संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय भ्रमण कर तद्नुसार कार्ययोजना को अन्तिम रूप दें। डीएम ने कहा कि वर्षा ऋतु से पूर्व ही आवागमन के रास्तों को देख लें ताकि राहत एवं बचाव कार्य प्रभावी ढंग से संचालित किये जा सके। एसडीएम व बीडीओ को निर्देश दिये गये कि ग्राम पंचायतों में उपलब्ध नावों का सत्यापन कर उसकी आवश्यक मरम्मत व रंग-रोगन करा दिया जाए तथा जहां पर नावें न हो वहां पर आवश्यकतानुसार नावों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए तथा नावों पर लाईफ-जैकेट जैसे जीवन रक्षक उपकरण भी उपलब्ध रहें। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के पर्याप्त संख्या में चार्जेंबुल टार्चों की भी व्यवस्था का निर्देश दिया ताकि रात्रि के समय भी राहत व बचाव कार्यों में व्यवधान उत्पन्न न होने पाए।
डीएम ने निर्देश दिया कि नावों के संचालन के लिए नाविकों की सूची तथा उनके मोबाइल नम्बर संकलित कर सूची तैयार कर ली जाय। क्षेत्रों में मौजूद आपदा मित्रों को भी एक्शन मोड पर रखा जाए तथा उनको भी बचाव व राहत कार्यों के मोटीवेट किया जाए। डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि बाढ़ राहत केन्द्रों एवं शरणालयों का भी समय पूर्व आवश्यक मरम्मत एवं रंगाई पुताई करा दी जाए। ऐसे स्थानों पर प्रसाधन, पेयजल एवं प्रकाश के भी माकूल बन्दोबस्त भी अवश्य किये जाएं। बाढ़ शरणालयों एवं राहत केन्द्रों को उपलब्ध संसाधनों से आकर्षक बनाया जाए ताकि वहां पर रहने वाले लोगों को उबन न महसूस हो। मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया गया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के गम्भीर रूप से बीमार व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को बाढ़ से पूर्व ही चिन्हित कर लिया जाय ताकि बाढ आने की दशा में उन्हें आस-पास के चिकित्सालयों में शिफ्ट किया जा सके। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों मे बाढ़ से पूर्व चिकित्सा एवं टीकाकरण शिविर आयोजित कर शत-प्रतिशत पशुओं का उपचार एवं टीकाकरण सुनिश्चित करा लें।
बैठक के दौरान डीपीआरओ, डीएसओ, डीपीओ, जिला कृषि अधिकारी व अन्य अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि अपने विभाग के लाभार्थियों की सूची तैयार कर लोक सभा सामान्य निर्वाचन-2024 अन्तर्गत जनपद में आगामी 13 मई व 20 मई 2024 को होने वाले मतदान में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए मतदान दिवस को फोन से सूचित भी करने की कार्ययोजना तैयार कर लें। पुलिस अधीक्षक वृन्दा शुक्ला ने बताया कि सम्भावित बाढ़ के दौरान असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए पेट्रोलिंग, एनडीआरएफ तथा फ्लड पीएससी की माकूल व्यवस्था की जायेगी। बैठक का संचालन अधिशाषी अभियन्ता सरयू ड्रेनेज खण्ड जे.पी. वर्मा ने किया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव, एसडीएम नानपारा अश्वनी पाण्डेय, कैसरगंज पंकज दीक्षित, महसी अखिलेश कुमार सिंह, डीपीआरओ राघवेन्द्र द्विवेदी, डीएसओ नरेन्द्र तिवारी, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय, अधिशाषी अभियन्ता विद्युत बहराइच शैलेन्द्र कुमार, नानपारा रंजीत कुमार, अधिशाषी अभियन्ता लो.नि. अमर सिंह व प्रदीप कुमार सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।