वाराणसी/-प्राकृतिक खेती के साथ पशुपालन और पौधशाला को बनाएं आजीविका का साधन कृषि सखियां उक्त बातें जिला ग्राम्य विकास संस्थान परमानंदपुर में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत चयनित कृषि सखियों का प्राकृतिक खेती विषयक चल रहे पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ वैज्ञानिक नरेन्द्र देव सिंह ने कही।डा अमितेश कुमार सिंह द्वारा प्रशिक्षुओं को बीजामृत से बीजोपचार एवं बीज बोना,कीटो की पहचान,विभेदन,हानिकारक और लाभकारी कीड़ों के बीच बहुफसलीय,अंतरफसलीय खेती की जानकारी दी गई।वहीं डा राहुल कुमार सिंह ने भोजन के विभिन्न घटकों का महत्व,कुपोषण का कारण, पशुधन एकीकरण की भूमिका के बारे में प्रशिक्षुओं को जानकारी दी।इसके पूर्व प्रशिक्षुओं को स्थानीय भ्रमण के अंतर्गत ओम प्रकृति नर्सरी,परमानंदपुर का विजिट कराया गया जहां पर प्रशिक्षुओं ने नर्सरी के संचालक मनोज कुमार सिंह द्वारा पौधों में कलम करना,नर्सरी तैयार करना,पौधों का रखरखाव करना और पौधशाला से अपनी आमदनी को कैसे बढ़ाया जा सकता है के बारे में बताया गया।इस अवसर पर सीसीओएफ उमाशंकर गुप्ता,प्रगतिशील कृषक सुमन देवी सत्र प्रभारी अमरनाथ द्विवेदी,केएल पथिक,सुरेश तिवारी,सुरेश पाण्डेय,कृषि सखी सविता,कंचन,पार्वती देवी,नीलम देवी,मनिया देवी,पिंकी देवी,अंकिता देवी,रेखा देवी,पूनम देवी,सुमन देवी,रूबी मिश्रा,पूनम विश्वकर्मा,रीता देवी,सुनीता देवी,मनीषा देवी,चन्दा देवी,सुषमा देवी,उर्मिला,शैलजा,मीरा देवी,सोनी देवी,मधुबाला,संगीता राय,नीतिमा,सीमा कुमारी,अनिता,प्रतिमा कुमारी,निर्दुला देवी,संतोषी,गुड़िया कुमारी,निशा देवी,निर्मला देवी,रुकमीना,सरोजा देवी,धर्मशिला देवी,शशिकला,मंजू, हीरावती,शारदा देवी,इन्दु देवी,प्रेमलता,ऊषा देवी,आशा कुमारी आदि सहित जनपद चंदौली के विकास खण्ड सकलडीहा,चंदौली सदर,नियामताबाद व चहनिया से चयनित 82 कृषि सखियों की उपस्थिति रही।